नई दिल्ली। महज तीन दिन में दो हजार से ज्यादा उड़ानों के रद्द होने से चर्चा में आई इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) ने यात्रियों से जमकर झूठ भी बोला है। दरअसल इंडिगो ने यात्रियों से वायदा किया कि जो भी फ़्लाइट विगत 5 दिसंबर से रद्द या रीशेड्यूल की गई हैं, टिकट कैंसिल होने के बाद यात्रियों को उनका पूरा पैसा वापस किया जाएगा जबकि वास्तविक जमीन पर ऐसा नहीं हुआ है।
यात्रियों से टिकट निरस्त कराने के नाम पर टिकट के कुल मूल्य के ५० फ़ीसदी से ज़्यादा की रकम काटी गई है इंडिगों के इस दावे की सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यात्रियों ने धज्जियां उड़ा दी है और इस झूठे दावे के सुबूत प्रस्तुत किए हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि मौजूद गतिरोध को देखते हुए इंडिगो अपने सीईओ पीटर एल्बर्स की छुट्टी कर सकता है। अदानी के स्वामित्व वाले एनडीटीवी ने इस खबर को प्रमुखता से छापा था लेकिन बाद में हटा लिया।
एयरलाइंस पायलट एसोसियेशन ने द लेंस के साथ बातचीत में पायलटों की कमी की बात से साफ़ इनकार किया है उनका मानना है कि एयरलाइंस की यह गड़बड़ी आर्टिफ़िशियल है।
अल्पा के जनरल सेक्रेटरी ने द लेंस को बताया कि नए रोस्टर्स यात्रियों की सुरक्षा के लिए थे ना कि पायलटों के लिए। उन्होंने साफ़ कहा कि हम इंडिगो के लिए रोस्टर नियमों को तोड़े जाने के सख्त खिलाफ हैं हमे कोर्ट जाना होगा तो जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि विमानन मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में मामला शुरू होने के बाद से दूसरी बार आज शाम इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है। आज की मुलाकात में यात्रियों को हो रही असुविधा और विमानों के नियमित परिचालन के संबंध में बात की जाएगी।
खबर यह भी मिल रही है की इंडिगो पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है जिससे एयरलाइन की पर्याप्त घरेलू बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होगी। इसके अलावा उसे संचालित करने की अनुमति वाली उड़ानों की संख्या में भी कमी आ सकती है।
एल्बर्स ने एक्स पर एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘पूरी तरह से सामान्य स्थिति में लौटने में कुछ समय लगेगा, जिसकी हम 10-15 दिसंबर के बीच की उम्मीद करते हैं।’ उन्होंने लंबी चुप्पी के बाद व्यापक उड़ान रद्द होने के लिए माफी मांगी थी।
एएनआई के साथ साक्षात्कार में विमानन विशेषज्ञ सुभाष गोयल ने कहा कि इंडिगो ने डीजीसीए की नई नीति का पालन करने के बजाय अपने अंतरराष्ट्रीय मार्ग नेटवर्क का विस्तार किया और चालक दल और पायलटों की संख्या बढ़ाए बिना घरेलू उड़ानों में वृद्धि की। जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा है।
गोयल ने यह भी बताया कि यह विचलन उन्हें ऐसे महत्वपूर्ण समय पर परेशान कर रहा है जब सरकार नई नीतिगत बदलावों को लागू करने के लिए समय सीमा लागू करना चाहती थी। गोयल ने बताया कि यह अराजकत स्थिति इंडिगो की समय-सीमा के प्रति प्रतिक्रिया के बाद आई। उसने अपनी कुछ उड़ानों को कम करने के बजाय अधिकांश उड़ानें रद्द कर दीं।
डीजीसीए ने इंडिगो के लिए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) नियमों के कार्यान्वयन में ढील दी, लेकिन इस निर्णय का एयरलाइन पायलट एसोसिएशन (एएलपीए) इंडिया ने कड़ा विरोध किया, जिसने निर्णय की चयनात्मक प्रकृति की आलोचना की।
पायलटों के संगठन ने कहा कि डीजीसीए द्वारा इंडिगो को पायलटों की छुट्टियों के स्थान पर साप्ताहिक विश्राम अवधि देने की अनुमति देने का निर्णय विमानन नियामक के साथ उसके पूर्व समझौते के विरुद्ध है, जिसके अनुसार किसी भी ऑपरेटर के साथ ऐसी कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
हालांकि दिल्ली हवाई अड्डे ने हाल ही में संकेत दिया था कि उड़ान संबंधी व्यवधान धीरे-धीरे कम हो रहे हैं, फिर भी शनिवार को पूरे भारत में कम से कम 400 उड़ानें रद्द कर दी गईं।
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