नई दिल्ली। चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। बीजेपी के गढ़ गुजरात में दो सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया। जहां गुजरात की दो सीटों पर हुए चुनाव में एक सीट आम आदमी पार्टी तो दूसरी भाजपा के खाते में गई है। वहीं पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट भी आप के खाते में गई है।
गुजरात विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी के कीर्ति पटेल को 17,554 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। दूसरी तरफ, कडी सीट पर बीजेपी ने बाज़ी मारी। यहां राजेंद्र चावड़ा ने कांग्रेस के उम्मीदवार को 38,904 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
केरल की नीलांबुर सीट पर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के कांग्रेस उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने CPI (M) के एम. स्वराज को 11,077 वोटों से मात दी। इस सीट पर आर्यदान को कुल 77,737 वोट मिले, जबकि BJP चौथे स्थान पर रही।
पश्चिम बंगाल की कालीगंज पर तृणमूल कांग्रेस की अलीफा अहमद ने बीजेपी के आशीष घोष और कांग्रेस के काबिल उद्दीन शेख को 50 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर जीत का परचम लहराया।
पंजाब के लुधियाना उपचुनाव में आप के संजीव अरोड़ा को 24,919 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के भरत भूषण आशु को 18,894 वोट प्राप्त हुए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जीवन गुप्ता को 15,105 और शिरोमणि अकाली दल के परुपकार सिंह घुम्मन को 5,253 वोट मिले। AAP ने कांग्रेस पर 6,025 वोटों की निर्णायक बढ़त हासिल की।


पंजाब में भूपेश बघेल नहीं कर पाए कमाल
दूसरी ओर, कांग्रेस पूरी तरह बिखरी नजर आई। पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी में समन्वय की कमी साफ दिखी। उम्मीदवार भरत भूषण आशु की उम्मीदवारी पर सवाल उठे। प्रचार के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी अनुपस्थिति ने कांग्रेस की अंदरूनी कमजोरियों को उजागर कर दिया। इस उपचुनाव की हार ने पंजाब में कांग्रेस की कमजोर होती राजनीतिक पकड़ को और स्पष्ट कर दिया।
गुजरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने ली हार की जिम्मेदारी, इस्तीफा
गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा, “उपचुनाव के परिणाम हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे, इसलिए मैं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दिया है।” गोहिल को जून 2023 में 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। उनके इस्तीफे से गुजरात की सियासत में हलचल मच गई है और कांग्रेस के भीतर नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। गोहिल के इस्तीफे के बाद अहमदाबाद की दाणीलीमड़ा सीट के विधायक शैलेष परमार को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति तक परमार यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। भावनगर के रहने वाले गोहिल गुजरात में कांग्रेस की अंतिम सरकार में मंत्री रह चुके हैं।