7 ने की थी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग, 4 को फिलहाल छोड़ा
नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी ( SAMAJWADI PARTY ) ने फरवरी 2024 में राज्यसभा चुनाव में भाजपा कैंडिडेट संजय सेठ के पक्ष में वोटिंग करने वाले 7 विधायकों में से तीन विधायकों राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज कुमार पांडेय को पार्टी से निकाल दिया है। इनमें से मनोज पांडेय ने लोकसभा चुनाव से पहले ही सपा छोड़ दी थी। लेकिन, पार्टी ने अब इन तीनाें को को पार्टी से बर्खास्त किया है। करीब 14 महीने से पार्टी इनके वापसी का इंतजार कर रही थी, लेकिन जब 16 महीने बाद भी इन्हें भाजपा खेमे से वापस लाने में पार्टी नाकाम रही तो आखिरकार इन्हें पार्टी से निकाल दिया।
राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, मनोज पांडेय, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया था। इनमें से तीन को पार्टी ने निकाल दिया है, लेकिन बचे 4 को फिलहाल छोड़ दिया है। इन पर फैसला डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लिया जाएगा।
जानकारों का मानना है कि मनोज पांडे सहित ये तीनों नेता राज्यसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा के खेमे में हैं। लोकसभा चुनाव में मनोज पांडे के रायबरेली से भाजपा के उम्मीदवार बनाने की चर्चा थी। तब प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मनोज पांडे के घर तक गए थे, लेकिन उसके बाद भी पार्टी ने उन्हें नहीं निकाला।
सोशल मीडिया एक्स पर पार्टी ने लिखा है कि विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को ‘उनकी सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता और किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी, कारोबारी विरोधी , नौकरीपेशा विरोधी और पीडीए विरोधी विचारधारा का समर्थन करने के कारण’ निष्कासित कर दिया।
हमेशा के लिए निष्कासन
पोस्ट में लिखा है कि इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गई ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूरी हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी। जहां रहें, विश्वसनीय रहें।
लोकसभा चुनाव में भाजपा से मनोज पांडेय को मिला था धोखा
मनोज पांडेय रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ी थी। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद से वह भाजपा के खेमे में आ गए थे। लोकसभा चुनाव के पहले रायबरेली सीट से इस बात के भी संकेत मिल रहे थे कि हो सकता है कि मनोज पांडेय को ही टिकट दे दिया जाए। बाद में उनकी जगह दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से टिकट मिला। गजब यह था कि मनोज पांडेय ने दिनेश प्रताप सिंह की सभाओं से दूरी बनाई थी। उनकी नाराजगी को देखकर अमित शाह उनसे मिलने के लिए घर गए थे।