रायपुर। छत्तीसगढ़ में नि:शक्तजनों का संघर्ष एक बार फिर तेज हो गया है। सालों से लंबित मांगों और अब तक पूरे न हो सके वादों को लेकर इस बार छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने कड़ा कदम उठाया है। फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट की जांच और पेंशन बढ़ाने की लंबे समय से मांगों के पूरा नहीं होने पर छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने घोषणा की है कि प्रदेशभर के नि:शक्त 3 दिसंबर 2025 को मनाए जाने वाला विश्व विकलांगता दिवस (World Disability Day) का बहिष्कार करेंगे।
संघ की रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के अध्यक्ष संतोख कुमार टोंडे ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन देने के बावजूद अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
अध्यक्ष ने बताया कि 6 सूत्री मांगों में फर्जी नि:शक्त नियुक्तियों की जांच और उनकी बर्खास्तगी, विशेष भर्ती अभियान, 5 हजार रुपए मासिक पेंशन, अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना में शामिल किए जाने, पदोन्नति में 3 फीसदी आरक्षण का पालन करने और कोरोना काल के पहले लिए गए स्वरोजगार लोन की माफी शामिल है।
संघ का कहना है कि पिछले तीन वर्षों में वे कई बार सड़क पर उतरे, धरना, पदयात्रा, भूख हड़ताल, विधानसभा घेराव किया। यहां तक कि सामूहिक आत्मदाह का प्रयास भी किया।
संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि 26 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री ने उनकी छह मांगे एक महीने में पूरी करने का आश्वासन दिया था। विश्वास रखते हुए दिव्यांगजनों ने अपनी पदयात्रा भी स्थगित कर दी थी, लेकिन वे वाद आज तक पूरे नहीं हुए।
इसके बाद इसी वर्ष राज्योत्सव का बहिस्कार करते हुए धरना देने की घोषणा संघ ने की थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की वजह से तूता माना धरना स्थल पर आंदोलन की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद ये सभी नगर घड़ी चौक में बैठे, जिसके बाद इन्हें रात में वहां से हटाकर अभनपुर में ले जाकर छोड़ दिया गया।
तब संघ ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी, लेकिन प्रशासनिक अफसरों ने 6 नवंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलाने का आश्वासन देकर धरना खत्म करा दिया था। लेकिन, 6 नवंबर को मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हुई और उन्हें समाज कल्याण मंत्री से मिलवाया गया।
अब संघ ने साफ चेतावनी दी है— यदि सरकार ने मांगे पूरी नहीं कीं, तो 3 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के सभी नि:शक्तजन विश्व विकलांगता दिवस का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।
संघ का कहना है— ‘जो सरकार नि:शक्तजनों के अधिकार, सम्मान और न्याय की रक्षा नहीं कर सकती, उसे विकलांग दिवस मनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं।’
यह भी पढ़ें : राजधानी में रात साढ़े 12 बजे धरना दे रहे नि:शक्तों काे कार्रवाई का डर दिखाकर भेजा अभनपुर, देखें वीडियो

