नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ। राज्यसभा में एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि कल या आज सर्वदलीय बैठक में विपक्षी द्वारा उठाए गए किसी भी मुद्दे को कोई कमतर नहीं आंक रहा है।
उन्होंने कहा, “यह सरकार के विचाराधीन है। अगर आप शर्त लगाते हैं कि इसे आज ही उठाया जाए, तो यह मुश्किल हो जाता है क्योंकि आपको कुछ जगह देनी होगी।
आज लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारे लगाने लगे थे और स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही को दोपहर 12 तक स्थगित कर दिया था। इसके बाद कार्यवाही कुछ समय के लिए चली, लेकिन फिर हंगामा शुरू हो गया. यह देखते हुए स्पीकर ने कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।
उधर राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया।शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 15 बैठकें होंगी। सरकार इस सत्र में 13 महत्वपूर्ण बिल पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विधेयक शामिल हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल विशेष रूप से स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) पर हमलावर हैं।
शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संसद का ये शीतकालीन सत्र सिर्फ कोई रस्म नहीं है. ये राष्ट्र को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम ये शीतकालीन सत्र भी करेगा ।”
उन्होंने कहा, “गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुआ, उसमें मतदान का प्रतिशत लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है. माताओं-बहनों की जो भागीदारी बढ़ रही है, ये अपने आप में एक नई आशा, नया विश्वास पैदा करती है।”
पीएम ने कहा, “मेरी एक चिंता रही है लंबे समय से सदन में जो पहली बार चुनकर आए हैं, या जो युवा हैं, वैसे सभी दलों के सभी सांसद बहुत परेशान हैं, उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने का अवसर नहीं मिल रहा है और न ही अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताने का मौका नहीं मिल रहा है।”
“कोई भी दल हो हमें किसी को भी हमारी नई पीढ़ी के नौजवान सांसदों को, उन्हें अवसर देना चाहिए। इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि हम इन चीजों को गंभीरता से लें, ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसे करना है करता रहे, यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए।”
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति राधाकृष्णन को उनके पद संभालने पर बधाई दी।उन्होंने कहा, “मुझे दुख हुआ कि सदन को पूर्व राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ जी को विदाई देने का अवसर नहीं मिला।”
खड़गे ने कहा, “यह राज्यसभा सभापति के पद से उनका अचानक और अप्रत्याशित इस्तीफ़ा था, जो संसदीय इतिहास में बिल्कुल अभूतपूर्व घटना है।”
सभापति को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, “आप अपने आसन से उस तरफ ज्यादा न देखें, उसमें खतरा है. इधर आप नहीं देखेंगे तो भी खतरा है, इसलिए दोनों तरफ संतुलन बनाए रखेंगे तो अच्छा होगा।”

