नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें माता-पिता और पर्यावरण कार्यकर्ता भी शामिल थे।प्रदर्शनकारियों में कई माताएं भी थीं जिनके साथ उनके बच्चे भी थे।
उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की माँग को लेकर एकत्र हुई थीं।
पीटीआई ने पर्यावरणविद् भावरीन खंडारी के हवाले से कहा, ‘हम अपने निर्वाचित विधायकों से मिलना चाहते हैं। हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें मना कर दिया गया। बहुत से माता-पिता इसलिए यहां आए हैं क्योंकि उनके बच्चे तकलीफ में हैं। हर तीसरे बच्चे के फेफड़े पहले ही खराब हो चुके हैं; वे स्वच्छ हवा में पले-बढ़े बच्चों की तुलना में लगभग 10 साल कम जीएंगे।’
पुलिस ने मौके पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को जिनमें महिलायें भी शामिल थी गिरफ़्तार कर लिया।
यह विरोध प्रदर्शन उस दिन हुआ जब दिल्लीवासियों ने पूरे दिन जबरदस्त ज़हरीली हवा का सामना किया, क्योंकि प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से ऊंचा बना हुआ था।
सुबह-सुबह वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, AQI 392 था, जबकि कई इलाकों में यह 400 के पार चला गया , जिससे राजधानी देश भर के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गई।
संस्थागत क्षेत्रों, स्कूलों, कार्यालयों आदि से आवारा कुत्तों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के संबंध में हाल ही में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ इंडिया गेट पर भी उसी समय एक और विरोध प्रदर्शन हो रहा था।
इंडिया गेट पर बिना अनुमति के एकत्र होने पर कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया।’
विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है, पार्टी नेता प्रियंका कक्कड़ ने शहर की भाजपा सरकार की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि रेखा गुप्ता सरकार राष्ट्रीय राजधानी में ‘प्रदूषण है, यह स्वीकार नहीं कर रही है।’
कक्कड़ ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘दिल्ली के लोग नाराज हैं क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की सरकार इनकार कर रही है। वे स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि प्रदूषण है। भाजपा सरकार को जमीनी स्तर पर लोगों के साथ रहना चाहिए था और आंकड़ों में हेरफेर नहीं करना चाहिए था।’

