बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में लगातार नक्सलियों के आत्मसमर्पण से बौखलाए माओवादी संगठन ने एक और प्रेस नोट जारी किया है। माओवादियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने इस प्रेस नोट में आत्मसमर्पित नक्सली कमलू पुनेम को ‘अवसरवादी’ और ‘डरपोक’ बताया है।
प्रेस नोट में माओवादी संगठन ने आरोप लगाया है कि कमलू पुनेम, जो पहले डिविजन कमेटी का सदस्य रह चुका है, पार्टी से 2 लाख रुपये लेकर भाग गया और बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। माओवादियों ने कहा है कि कमलू ने क्रांतिकारी आंदोलन को कमजोर समझकर और सुरक्षा बलों को शक्तिशाली मानते हुए आत्मसमर्पण का रास्ता चुना है, जो कि ‘जनविरोधी’ कदम है।
संगठन ने प्रेस नोट में चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि ऐसे आत्मसमर्पित लोग कुछ समय के लिए आंदोलन को कमजोर कर सकते हैं, लेकिन अंततः जीत उनकी क्रांतिकारी संघर्षों और जनता की ही होगी।
प्रेस नोट में आत्मसमर्पण करने वाले अन्य माओवादी नेताओं सोनू और सतीश को भी अवसरवादी और गद्दार बताया गया है। साथ ही यह दावा किया गया है कि भले ही कुछ लोग भय या लालच में मुख्यधारा में लौट रहे हैं, परंतु क्रांतिकारी आंदोलन अब भी जारी है। यह आंदोलन आगे और तेज होगा।
यह प्रेस नोट ऐसे समय आया है, जब हाल के महीनों में बस्तर के विभिन्न जिलों मसलन बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर और नारायणपुर में दर्जनों माओवादी कैडर ‘पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल के तहत आत्मसमर्पण कर चुके हैं, और लगातार कर रहे है ।
प्रशासन इसे शांति स्थापना की दिशा में बड़ी सफलता मान रहा है, जबकि माओवादी संगठन इसे ‘जन आंदोलन के खिलाफ साजिश’ बता रहे हैं।
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