रायपुर। छत्तीसगढ़ संवाद के नवा रायपुर स्थित दफ्तर में गुरुवार को खुद को एक न्यूज चैनल और एक अखबार का प्रतिनिधि बताने वाले चार लोगों ने एक वरिष्ठ अफसर के चैंबर में घुस कर पहले बहस फिर झूमाझटकी की। मामला थाने तक जा पहुंचा। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है।
संवाद के दफ्तर में घटी इस घटना का वीडियो भी जम कर वायरल है। प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों के मुताबिक चार लोग, जिन्होंने खुद को एक चैनल और एक अखबार का प्रतिनिधि बताया, संवाद के अतिरिक्त संचालक संजीव तिवारी के चैंबर में घुसे और दफ्तर के भीतर किसी अखबार की प्रतियां बांटने से रोके जाने पर सवाल–जवाब करने लगे।
ये लोग दफ्तर के बाहर से ही वीडियो बनाते हुए घुसे थे और भीतर जब संजीव तिवारी से सवाल जवाब करने लगे तो उन्होंने इन्हें अपने चैंबर से निकल जाने को कहा।
यहीं विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत झूमाझटकी की आ गई। बताते हैं कि इन लोगों ने श्री तिवारी के चैंबर में तोड़फोड़ भी की।
इसके बाद चैंबर से बाहर भी ऐसी ही स्थिति बनी। जब यह हंगामा हुआ तो दफ्तर के अन्य अधिकारी, कर्मचारी, वहां मौजूद पत्रकार भी जुट गए थे। इस घटना के वीडियो बहुत तेजी से वायरल भी हुए।
घटना के तुरंत बाद पुलिस को खबर की गई लेकिन तब तक ये लोग संवाद मुख्यालय से निकल गए।बाद में संजीव तिवारी ने इस घटना की राखी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने शासकीय कार्यालय में घुसकर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, शासकीय संपत्ति को तोड़फोड़ करने, मारपीट करने, शासकीय कर्मचारियों को डराने और विभाग की छवि बिगाड़ने की धाराओं में एफआईआर की है।
दिलचस्प यह भी है कि ये लोग खुद को जिस चैनल का प्रतिनिधि बता रहे थे उस चैनल ने ही इनसे पल्ला झाड़ लिया।
जनसंपर्क अधिकारी संघ ने की कड़ी निंदा
पता चला है कि पुलिस को आरोपियों के नाम दे दिए गए हैं और उनकी तलाश की जा रही ही। पुलिस ने उनके घरों की भी तलाशी ली है।बताते हैं कि इस मामले में सरकार की भी सहानुभूति जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के साथ है।
इधर जनसंपर्क अधिकारी संघ ने संजीव तिवारी के साथ घटी इस घटना की कड़ी निंदा की है।
संघ के अध्यक्ष बालमुकुंद तंबोली ने कहा कि यह सिर्फ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का ही मामला नहीं है बल्कि यह जनसंपर्क विभाग की संस्थागत गरिमा पर हमला है। मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित एक ज्ञापन में संघ ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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