नई दिल्ली। Trump Tariff : क्या भारत और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर में नरमी आने वाली है? इस संभावना पर जवाब दिया है देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने। उनके मुताबिक टैरिफ से जुड़े मसलों का हल अगले आठ से दस हफ्तों में हो सकता है।
रूस से तेल आयात करने की वजह से अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है और जल्द ही टैरिफ में कटौती को लेकर सहमति बनने की उम्मीद है। कम से कम 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क हटाए जाने की संभावना है।
नागेश्वरन ने गुरुवार को भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक आयोजन में कहा, “दोनों देशों की सरकारें इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं। मुझे उम्मीद है कि अगले आठ से दस हफ्तों में हम अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क का समाधान देखेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ को कम करके 10 से 15 प्रतिशत के बीच लाया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि इस समस्या का समाधान केवल व्यापार के लिए ही नहीं, बल्कि बाजार की धारणा और पूंजी निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, इस मुद्दे पर कई स्तरों पर गहन बातचीत हो रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि अमेरिका से 45.3 अरब डॉलर का आयात हुआ। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
द्विपक्षीय व्यापार चर्चा में क्या निकला
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता के हवाले आई खबरों के मुबाबिक “16 सितंबर को दिल्ली में सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के साथ सकारात्मक बातचीत की, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के अगले कदमों पर चर्चा हुई।”
भारत सरकार ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि 16 सितंबर को भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि दल ने भारत का दौरा किया। बयान में कहा गया, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के दीर्घकालिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, यह चर्चा सकारात्मक और प्रगतिशील रही। इसमें व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ और आपसी लाभ वाले समझौते को जल्द पूरा करने के लिए प्रयास तेज करने का फैसला लिया गया।”
हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शुल्क जारी रहे, तो भारतीय सामानों का अमेरिका को निर्यात कम हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क बढ़ाने के फैसले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कुछ समय तक तनाव रहा। फिर भी, हाल ही में शीर्ष नेतृत्व से सकारात्मक संदेश मिलने के बाद व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हुई है।
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