Israel Hamas Ceasefire: इजरायल और हमास के बीच दो साल पुराने गजा संघर्ष को समाप्त करने वाले ऐतिहासिक समझौते की घोषणा के बाद दुनिया भर में राहत की सांसें चल रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्यस्थता वाले इस सौदे के पहले चरण को इजरायली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत युद्धविराम 24 घंटों में शुरू होगा और बंधकों की रिहाई 72 घंटों के अंदर हो जाएगी। लेकिन यह प्रक्रिया कई चरणों वाली है, जिसमें इजरायली सेना की वापसी, फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और मानवीय सहायता का प्रवेश शामिल है। अब महत्वपूर्ण है की आने वाले दिनों में यह समझौता कैसे लागू होगा।
गाजा संघर्ष का संक्षिप्त इतिहास: कैसे पहुंचे यहां तक?
यह कहानी 7 अक्टूबर 2023 से शुरू होती है जब हमास और अन्य फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों ने इजरायल पर हमला किया। इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए ज्यादातर नागरिक और 251 बंधकों को गजा ले जाया गया। यह इजरायल के इतिहास का सबसे घातक हमला था। जवाब में इजरायल ने गाजा पर हमला बोला, जिसका उद्देश्य हमास को खत्म करना था। इसके बाद संघर्ष बढ़ता गया।
सितंबर 2024 से नवंबर 2024
इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई तेज की। हिजबुल्लाह जो हमास का समर्थन करता है और ईरान से मदद लेता है, उनके साथ झड़पें बढ़ीं। इजरायल ने हिजबुल्लाह के नेताओं को निशाना बनाया, और ईरान ने मिसाइलें दागीं। नवंबर के अंत में युद्धविराम हुआ लेकिन छोटे-मोटे हमले जारी रहे।
जनवरी 2025 से मार्च 2025
एक अस्थायी युद्धविराम हुआ जिसमें बंधकों की रिहाई और सहायता पहुंचाने की बात हुई। लेकिन कुछ ही महीनों में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया। मार्च में इजरायल ने फिर हवाई हमले किए और सहायता रोकी। मई तक पूर्ण सैन्य अभियान फिर शुरू हो गया।
परिणामस्वरूप, 67,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। 50 से अधिक इजरायली बंधक अभी भी हमास के पास हैं। अंतरराष्ट्रीय अदालतें दोनों पक्षों पर युद्ध अपराधों की जांच कर रही हैं, लेकिन दोनों ही इन आरोपों को खारिज करते हैं। ट्रम्प के 20-सूत्री शांति प्लान ने अब नई उम्मीद जगाई है।
समझौते के प्रमुख बिंदु, क्या बदलेगा?
यह सौदा चरणबद्ध तरीके से लागू होगा। मुख्य फोकस पहले चरण पर है, जिसमें युद्ध रोकना, बंधकों की वापसी और कुछ इलाकों से सेना हटाना शामिल है। व्यापक योजना में हमास का निरस्त्रीकरण और गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति बल की तैनाती भी है लेकिन ये बाद के चरणों में होंगे।
बंधकों की रिहाई: हमास को सभी जीवित बंधकों (करीब 20) को 72 घंटों में एक साथ रिहा करना होगा बिना किसी सार्वजनिक समारोह के। 28 मृत बंधकों के शवों की वापसी बाद में होगी, जो मलबे के नीचे दबे होने के कारण समय ले सकती है।
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई: इजरायल करीब 1,700 गाजा निवासियों को रिहा करेगा, जो 7 अक्टूबर 2023 के बाद गिरफ्तार हुए थे। साथ ही 250 जीवन कैद की सजा काट रहे फिलिस्तीनियों को आजाद किया जाएगा। लेकिन हमास के प्रमुख कमांडर या 7 अक्टूबर हमले के मुख्य आरोपी जैसे मारवान बरगौती, शामिल नहीं होंगे। अंतिम सूची अभी गोपनीय है।
सेना की वापसी: इजरायल अपनी सेना को 24 घंटों में ‘पीली रेखा’ तक पीछे हटाएगा, जिसके बाद गाजा का 53% हिस्सा इजरायली नियंत्रण में रहेगा।
मानवीय सहायता: सोमवार तक सैकड़ों ट्रक भोजन, ईंधन और दवाओं से लदे गाजा में प्रवेश करेंगे।
आने वाले दिनों में क्या होंगे बदलाव, सिलसिलेवार समझौता
गुरुवार (9 अक्टूबर) को समझौता अंतिम रूप ले चुका है। अब क्रियान्वयन की घड़ी शुरू हो गई है।
गुरुवार (9 अक्टूबर): समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर दोपहर 12 बजे हुए। इजरायली सुरक्षा कैबिनेट शाम 5 बजे और सरकार 6 बजे मिली जहां मंजूरी मिली। इससे युद्धविराम 24 घंटों में प्रभावी हो जाएगा। 72 घंटे की उलटी गिनती शुरू।
शुक्रवार (10 अक्टूबर): इजरायली सेना (IDF) 24 घंटों के अंदर ‘पीली रेखा’ तक पीछे हटेगी। कुछ एडजस्टमेंट के साथ, गाजा का 53% हिस्सा इजरायल के पास रहेगा। हमास को अब बंधकों की रिहाई की तैयारी करनी होगी।
शनिवार (11 अक्टूबर) से सोमवार (13 अक्टूबर): बंधकों की रिहाई शनिवार या सोमवार को हो सकती है। ट्रम्प ने कहा, “सभी सोमवार को लौटेंगे।” इस दौरान इजरायल फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। ट्रम्प रविवार को इजरायल पहुंचेंगे और सोमवार को संसद को संबोधित कर सकते हैं।
सोमवार (13 अक्टूबर) से आगे: मानवीय सहायता के ट्रक गाजा में दाखिल होंगे। अमेरिकी सैन्य कमान इजरायल में एक केंद्र स्थापित कर निगरानी करेगी। मृत बंधकों के शवों की वापसी और अन्य चरण (जैसे हमास का निरस्त्रीकरण) पर बातचीत जारी रहेगी।
क्या चुनौतियां हैं?
यह सौदा उम्मीद जगाता है, लेकिन कई सवाल बाकी हैं। हमास ने हथियार डालने या गजा छोड़ने पर सहमति नहीं जताई। इजरायल ने कहा कि अगर हमास शासन नहीं टूटा तो सौदा खतरे में पड़ सकता है। दोनों पक्षों पर उल्लंघन के पुराने आरोप हैं और क्षेत्रीय तनाव (ईरान, हिजबुल्लाह) बरकरार हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ‘संघर्ष प्रबंधन’ है, पूर्ण समाधान नहीं। फिर भी तत्काल राहत से लाखों जिंदगियां बच सकती हैं।

