रायपुर। छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में EOW ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है। EOW ने कोर्ट में दोनो आरोपियों की पुलिस रिमांड को लिए आवेदन लगाया था। कोर्ट ने आवेदन स्वीकार करते हुए अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर EOW को सौंपा है। custom milling scam case
पूर्व IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। दोनों छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं। जांच एजेंसियों ने अनवर ढेबर को शराब घोटाले का मास्टर माइंड बताया है। वहीं पूर्व IAS अनिल टुटेजा पर नियमों में फेरबदल कर राज्य को आर्थिक नुकशान पहुंचाने का आरोप है।
EOW की जांच में पता चला है कि कस्टम मिलिंग घोटाले की शुरुआत पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा तथा रोशन चंद्राकर की उद्योग भवन में बैठक के बाद शुरू हुई। वर्ष 2021-22 में खरीदी गई 104 लाख मिट्रीक टन धान की निष्पादन करने खाद्य सचिव से केंद्रीय कोटा की मांग करने रोशन चंद्राकर को अनिल टूटेजा निर्देश देते हैं। इसके बाद केंद्र सरकार करीब 62 लाख मिट्रीक टन धान के कोटा की अनुमति देती है। मिलिंग में परेशानी आने पर प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी करने अनुमति प्रदान की जाती है। बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि से पार्टी फंड जुटाने की व्यवस्था की जाती है।
राइस मिलरों से मिली कमीशन की राशि को रोशन चंद्राकर, रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचाने का काम करता था। आईटी, ईडी के छापे के बाद रामगोपाल का रोशन से संपर्क नहीं हो पाया। रोशन ने अनिल टूटेजा से संपर्क किया। इस दौरान रोशन ने टूटेजा को बताया की कुछ जिलों के राइस मिलरों से कलेक्शन नहीं हो पाया है। इस पर टूटेजा ने रोशन को अनवर से संपर्क करने के लिए कहा। टूटेजा ने रोशन का अनवर ढेबर से संपर्क कर सिद्धार्थ सिंघानिया से संपर्क कराया। इसके बाद मार्च 2023 में अलग-अलग जिलों के राइस मिलरों से रोशन चंद्राकर ने 20 से 22 करोड़ रुपए वसूल कर सिद्धार्थ सिंघानिया तक पहुंचाया। सिद्धार्थ ने उक्त पैसे अनवर के माध्यम से टूटेजा तक पहुंचाने का काम किया।
ईओडब्लू ने अपनी जांच में पाया है कि राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग की आड़ में की गई अवैध वसूली दो किश्तों में की गई। कस्टम मिलिंग करने प्रोत्साहन राशि मिलिंग खर्च 120 रुपए दो किश्तों में देने निर्णय लिया गया। इस वजह से राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग की आड़ में दो किश्तों में 40 रुपए कमीशन के रूप में वसूल की गई।