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Home » ट्रेंड में दूसरा पासपोर्ट, टैक्स बचाने के लिए क्या भारतीय अब ले रहे विदेशी नागरिकता ?

लेंस रिपोर्ट

ट्रेंड में दूसरा पासपोर्ट, टैक्स बचाने के लिए क्या भारतीय अब ले रहे विदेशी नागरिकता ?

Poonam Ritu Sen
Last updated: June 23, 2025 8:19 pm
Poonam Ritu Sen
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द लेंस रिपोर्ट। क्या आप बिटकॉइन, एथेरियम या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं? अगर हाँ, तो यह खबर आपके लिए एक सुनहरा मौका लेकर आई है! अब आप अपनी डिजिटल कमाई से दूसरा पासपोर्ट (Second passport) या विदेशी नागरिकता हासिल कर सकते हैं। जी हाँ, यह 2025 का नया ट्रेंड बन रहा है, जहाँ क्रिप्टो निवेशक अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने और नई आजादी पाने के लिए विदेशी देशों की ओर रुख कर रहे हैं। इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि यह कैसे संभव है, कौन से देश इस रास्ते में आगे हैं, भारतीय निवेशक क्या कर रहे हैं, टैक्स कैसे बचाया जा सकता है और किन नियमों का पालन करना जरूरी है।

खबर में खास
यह क्या है और क्यों हो रहा है?कौन से देश बन रहे हैं क्रिप्टो निवेशकों के फेवरेट?भारतीय निवेशक क्या कर रहे हैं?टैक्स कैसे बचाया जा सकता है?अमेरिका में क्रिप्टो कड़ाई से बचने का रास्ता

यह क्या है और क्यों हो रहा है?

क्रिप्टोकरेंसी ने पिछले कुछ सालों में दुनिया को हिला दिया है लेकिन हर देश इसके नियम सख्त कर रहा है। अमेरिका और भारत जैसे देशों में कर की दरें बढ़ रही हैं और क्रिप्टो एक्सचेंजों पर निगरानी कड़ी हो गई है। इससे निवेशक अपनी कमाई बचाने और वैश्विक स्वतंत्रता पाने के लिए दूसरा पासपोर्ट या निवास की तलाश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक स्मार्ट कदम है, जो कर बचत, वीजा-मुक्त यात्रा और व्यापार के नए अवसर देता है। 2025 में जब क्रिप्टो की कीमतें आसमान छू रही हैं और नियम और सख्त हो रहे हैं निवेशक इसे अपना ‘प्लान बी’ बना रहे हैं।

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कौन से देश बन रहे हैं क्रिप्टो निवेशकों के फेवरेट?

दुनियाभर के कई देश अब क्रिप्टो निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने दरवाजे खोल रहे हैं। इन देशों ने खास कार्यक्रम शुरू किए हैं, जहाँ आप क्रिप्टो से निवेश करके नागरिकता या निवास पा सकते हैं। ग्लोबल सिटीजन सॉल्यूशंस की 2025 रिपोर्ट के अनुसार कौन-कौन से हैं ऐसे देश, विस्तार से समझतें हैं –

  1. वानुअतु:सबसे तेज पासपोर्ट का वादा

खासियत: यह देश आपको महज एक महीने में पासपोर्ट दे सकता है, जो क्रिप्टो निवेशकों के लिए सबसे तेज विकल्प है।
निवेश: $130,000 का योगदान, जिसे आप अपनी क्रिप्टो को डॉलर में बदलकर जमा कर सकते हैं।
फायदा: कोई आय, संपत्ति, या पूंजीगत लाभ कर नहीं और 130 से ज्यादा देशों में वीजा-मुक्त यात्रा।
नियम: निवास की जरूरत नहीं लेकिन कागजात की सख्त जांच होती है।
आकर्षण: तेज प्रक्रिया, कर-मुक्त लाभ, और गतिशीलता की स्वतंत्रता इसे छोटे निवेशकों और व्यस्त पेशेवरों के लिए आकर्षक बनाती है।

  1. एंटीगुआ और बारबुडा: परिवार के लिए बेहतरीन मौका

खासियत: यह देश बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो को निवेश के लिए मान्यता देता है।
निवेश: $200,000 से $250,000 का योगदान या प्रॉपर्टी में निवेश।
फायदा: यूरोप और यूके में 180 दिन तक बिना वीजा रहने की सुविधा, और परिवार भी शामिल हो सकता है।
नियम: कम से कम 5 दिन के लिए देश में रहना जरूरी है, और स्रोत की जांच (KYC) अनिवार्य है।
आकर्षण: परिवार के लिए सुरक्षा और यूरोपीय पहुंच इसे मध्यम-उच्च निवेशकों के लिए आदर्श बनाती है, खासकर जो अपने प्रियजनों के लिए वैश्विक अवसर चाहते हैं।

  1. पुर्तगाल: यूरोप का क्रिप्टो-फ्रेंडली गंतव्य

खासियत: यहाँ 1 साल से ज्यादा रखे गए क्रिप्टो पर कोई टैक्स नहीं लगता।
निवेश: €250,000 का निवेश, जो 5 साल बाद यूरोपीय संघ की नागरिकता में बदल सकता है।
फायदा: शेंगेन क्षेत्र में यात्रा की आजादी और उच्च जीवनस्तर।
नियम: हर साल 7 दिन देश में रहना जरूरी है।
आकर्षण: यूरोपीय जीवनशैली, कर लाभ, और दीर्घकालिक निवेश के लिए स्थिरता इसे धनी निवेशकों और व्यवसायियों के लिए आकर्षक बनाती है।

  1. माल्टा: ब्लॉकचेन का केंद्र

खासियत: माल्टा को “ब्लॉकचेन आइलैंड” कहा जाता है, जहाँ क्रिप्टो के लिए स्पष्ट कानून हैं।
निवेश: €750,000 से €1 मिलियन तक का योगदान।
फायदा: 160 से ज्यादा देशों में वीजा-मुक्त यात्रा और यूरोपीय सुविधाएँ।
नियम: 6 महीने से 3 साल का निवास जरूरी, और निवेश की वैधता साबित करनी होगी।
आकर्षण: ब्लॉकचेन और क्रिप्टो उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल, साथ ही यूरोपीय संघ की सदस्यता इसे उच्च-निवेशकों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए आकर्षक बनाती है।

  1. एल साल्वाडोर: बिटकॉइन का नया घर

खासियत: यह पहला देश है जिसने बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाया।
निवेश: $1 मिलियन का बिटकॉइन या USDT दान।
फायदा: डिजिटल मुद्रा के लिए सरकारी समर्थन और तेज नागरिकता प्रक्रिया।
नियम: निवेश के स्रोत की सख्त जांच और देश में कुछ समय बिताना जरूरी।
आकर्षण: बिटकॉइन प्रेमियों और बड़े निवेशकों के लिए सरकारी समर्थन और डिजिटल नवाचार की संभावनाएँ इसे अनोखा बनाती हैं।

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भारतीय निवेशक क्या कर रहे हैं?

अगर आप भारत से क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके विदेश में निवेश करना चाहते हैं या दूसरा पासपोर्ट लेने की सोच रहे हैं तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों और पासपोर्ट कानूनों को समझना बहुत जरूरी है। RBI ने एक योजना बनाई है जिसे Liberalised Remittance Scheme (LRS) कहते हैं। इसके तहत हर भारतीय निवासी हर साल (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) सिर्फ $250,000 (लगभग 2 करोड़ रुपये, बाजार के हिसाब से) तक विदेश भेज सकता है। यह पैसा प्रॉपर्टी खरीदने, नागरिकता के लिए निवेश करने या यात्रा-शिक्षा में इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन इससे ज्यादा राशि भेजने के लिए RBI से खास इजाजत लेनी होगी। अगर इस सीमा से ज्यादा पैसा भेजा गया तो इसे गैर-कानूनी माना जा सकता है और जुर्माना या कानूनी कार्रवाई का खतरा हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप वानुआतु में $130,000 निवेश करना चाहते हैं, तो यह सीमा में फिट होता है, लेकिन आपको इसे डॉलर में बदलकर बैंक के जरिए भेजना होगा और KYC दस्तावेज जमा करने होंगे।

भारत में भी क्रिप्टो निवेशक इस ट्रेंड को अपनाने लगे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक 2024 में भारतीय कंपनियों ने विदेश में 32.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया जिसमें सिंगापुर और यूएई जैसे देशों में क्रिप्टो-फ्रेंडली निवास की तलाश शामिल है। कई भारतीय उच्च-निवेशक वानुअटू और एंटीगुआ जैसे देशों में जा रहे हैं जहाँ कर बचत और वीजा-मुक्त यात्रा के फायदे मिलते हैं। कुछ लोग अपने परिवार के लिए भी दोहरी नागरिकता की योजना बना रहे हैं खासकर जब भारत में 30% तक की क्रिप्टो कर दर लागू है।

टैक्स कैसे बचाया जा सकता है?

क्रिप्टो निवेश से होने वाले मुनाफे पर भारत में 30% टैक्स और 1% TDS लगता है, जो निवेशकों के लिए भारी पड़ता है। दूसरा पासपोर्ट लेकर टैक्स बचाने के कई तरीके हैं जैसे-
कर-मुक्त देश चुनें: वानुआतु और एल साल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टो लाभ पर कोई टैक्स नहीं है।
निवास बदलें: पुर्तगाल में लंबे समय तक रखे क्रिप्टो पर टैक्स शून्य है, अगर आप वहाँ निवास ले लें।
निवेश रणनीति: अपनी क्रिप्टो को फिएट में बदलकर कर-मुक्त देश में निवेश करें, लेकिन स्रोत की वैधता साबित करनी होगी।
ध्यान रखें: अगर आप अमेरिकी नागरिक हैं, तो IRS टैक्स मांग सकता है, इसलिए कानूनी सलाह जरूरी है।

कैसे लें दूसरा पासपोर्ट?

दूसरा पासपोर्ट पाना आसान नहीं, लेकिन सही कदमों से संभव है:

प्रक्रिया –
अपनी क्रिप्टो को डॉलर या यूरो में बदलें (क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए)।
चुने गए देश के सरकार फंड या प्रॉपर्टी में निवेश करें।
KYC (नो-योर-कस्टमर) और AML (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) जांच पास करें।
दस्तावेज जमा करें और इंतजार करें।
समय: 6 महीने से 5 साल तक, जो देश और उसके नियमों पर निर्भर करता है।

नियम:

निवेश की वैधता साबित करनी होगी, वरना आवेदन रद्द हो सकता है।
कुछ देशों में न्यूनतम निवास जरूरी है (जैसे पुर्तगाल में 7 दिन सालाना)।
फर्जी प्रोग्राम से बचें, हमेशा विश्वसनीय एजेंसियों (जैसे ग्लोबल सिटीजन सॉल्यूशंस) से सलाह लें।
भारत में दोहरी नागरिकता मान्य नहीं है, इसलिए भारतीय पासपोर्ट छोड़ना पड़ सकता है

(स्रोत: पासपोर्ट सेवा पोर्टल, भारत सरकार)।

यह कहना मुश्किल है कि भारत से कितने लोग क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश जा रहे हैं, क्योंकि इसके आधिकारिक आंकड़े मौजूद नहीं हैं। फिर भी, कुछ संकेत मिलते हैं कि भारतीय क्रिप्टो निवेशक उन देशों की ओर रुख कर रहे हैं, जहां क्रिप्टो के नियम ज्यादा आसान हैं, जैसे दुबई, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड,,, 2021 में भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो के मालिक थे, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, और 2024 में सरकार ने 17 क्रिप्टो एक्सचेंजों में 824.14 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी। भारत में क्रिप्टो बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और 2025 तक इसके 9.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो दिखाता है कि लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।

दूसरी ओर, भारत सरकार दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देती। इसका मतलब है कि अगर आप वानुआतु, पुर्तगाल या किसी अन्य देश का पासपोर्ट लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट छोड़ना होगा और पासपोर्ट ऑफिस में समर्पण करना होगा। इसके बाद आप OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जो भारत में रहने और काम करने की सुविधा देता है, लेकिन यह पूरी नागरिकता नहीं है। उदाहरण के लिए, पुर्तगाल की नागरिकता लेने पर 5 साल बाद यूरोपीय सुविधाएँ मिलेंगी लेकिन भारत में आपका कानूनी दर्जा बदल जाएगा। साथ ही भारत में क्रिप्टो पर 30% टैक्स और 1% TDS लगता है, इसलिए विदेशी निवेश से टैक्स बचाने के लिए LRS के नियमों का पालन करना होगा। सही योजना और विशेषज्ञ सलाह से आप अपनी डिजिटल संपत्ति को सुरक्षित कर सकते हैं, लेकिन जल्दबाजी से बचें।

क्या हैं इसके फायदे?

कई देशों में क्रिप्टो पर टैक्स शून्य या बहुत कम है। वीजा-मुक्त यात्रा से आप बिना परेशानी कहीं भी जा सकते हैं। आर्थिक या राजनीतिक परेशानी से बचने का एक मजबूत तरीका भी है और क्रिप्टो-फ्रेंडली देशों में नया व्यापार शुरू करने का अवसर भी ।

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विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

ग्लोबल सिटीजन सॉल्यूशंस के जानकारों का कहना है कि दूसरा पासपोर्ट क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक शानदार हथियार है। यह आपकी संपत्ति को सुरक्षित रखता है और कर में राहत देता है लेकिन सही देश चुनना और कानूनी रास्ता अपनाना बहुत जरूरी है। इसलिए क्रिप्टो की कीमत में उतार-चढ़ाव और निवेश की वैधता की जांच करें। हर देश के अलग नियम और फर्जी स्कीम का खतरा है। RBI नियम के अनुसार भारत से विदेश में सालाना $250,000 तक ही निवेश की अनुमति है। फोर्ब्स की कैथलीन पेडिकॉर्ड कहती हैं कि अमेरिका में क्रिप्टो कड़ाई से बचने के लिए यह एक स्मार्ट कदम हो सकता है, बशर्ते कानूनी सलाह ली जाए।

अमेरिका में क्रिप्टो कड़ाई से बचने का रास्ता

अमेरिका में SEC ने कॉइनबेस और बिनेंस जैसे बड़े एक्सचेंजों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे निवेशक परेशान हैं। फोर्ब्स की कैथलीन पेडिकॉर्ड कहती हैं कि दूसरा पासपोर्ट इस समस्या से बचने का एक तरीका हो सकता है। निवेश-द्वारा-निवेश (CBI) जैसे सेंट किट्स या एंटीगुआ के विकल्प तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। लेकिन सावधानी बरतना जरुरी है क्योंकि कुछ प्रोग्राम फर्जी भी हो सकते हैं।

2019 के ट्रेंड से सबक

2019 में वानुआतु और डोमिनिका जैसे देश सस्ते और तेज पासपोर्ट के लिए मशहूर हुए आज भी ये देश क्रिप्टो निवेशकों के लिए आकर्षक हैं लेकिन नियम बदलते रहते हैं इसलिए समय पर कदम उठाना जरूरी है। हेनले की रिपोर्ट कहती है कि यूएई, सिंगापुर और पुर्तगाल जैसे देश अब निवास के लिए क्रिप्टो-फ्रेंडली बन रहे हैं। ये देश न सिर्फ कर में राहत देते हैं बल्कि व्यापार के लिए भी बेहतर माहौल देते हैं। अगर आप क्रिप्टो निवेशक हैं तो अपनी जरूरतों (कर बचत, यात्रा, या सुरक्षा) के हिसाब से देश चुनें। भारत से निवेश के लिए RBI के $250,000 लिमिट और पासपोर्ट नियमों का ध्यान रखें। अपनी डिजिटल संपत्ति को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का यह सही समय है लेकिन सावधानी और योजना के साथ ।

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पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
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