रायपुर। बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड (Jaggi Murder Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने सतीश जग्गी और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की अमित जोगी को दोष मुक्त करने के खिलाफ लगी याचिका को खारिज कर दिया। वहीं सीबीआई की याचिका स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस फैसले से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीबीआई को हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की अनुमति है, लेकिन किसी भी आगे की कार्रवाई से पहले अमित जोगी का पक्ष जरूर सुना जाए।
कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रहेगा और सीबीआई चाहे तो अपनी बात हाईकोर्ट में रख सकती है।
यह हत्याकांड जून 2003 में हुआ था, जब अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे। सतीश जग्गी की हत्या के बाद उनके परिवार ने लगातार सीबीआई जांच की मांग की। अमित जोगी ने इसे राजनीतिक साजिश बताया और खुद को निर्दोष बताया। मामला वर्षों से विभिन्न अदालतों में लंबित रहा।
फैसले के बाद अमित जोगी ने राहत जताते हुए कहा, ‘सच्चाई की जीत हुई है। यह फैसला मेरे परिवार और मेरे पिता स्वर्गीय अजीत जोगी के सम्मान से जुड़ा था। न्यायालय ने सच को स्वीकार किया है।’
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में छत्तीसगढ़ राज्य की दायर दोषमुक्ति के खिलाफ अपील खारिज कर दी। साथ ही सतीश जग्गी की दायर दोषमुक्ति के खिलाफ अपील में पुनर्विचार याचिका के रूपांतरण का आवेदन खारिज कर दिया है।
सीबीआई की याचिका पर उच्च न्यायालय को अमित जोगी को सुनवाई का अवसर देने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा दोषमुक्ति के विरुद्ध अपील दायर करने में हुई देरी की माफी हेतु सीबीआई के आवेदन पर, तथ्यों और कानून के आधार पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।

