लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह भारत आने की योजना बना रहे हैं। तो उनका जवाब था जी हां हो सकता है। लेकिन कब? इसकी तारीख तय नहीं है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अगले साल यानि 2026 में किसी दिन। यह जानकारी गुरुवार को ओवल ऑफिस में ट्रंप की पत्रकारों से बातचीत में समाने आई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार चर्चाओं के दौरान रूस से तेल खरीद घटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की। ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने मोदी को शानदार दोस्त कहा और ऊर्जा खरीद में दोनों देशों के बीच बढ़ते समन्वय की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि भारत ने रूस से तेल आयात काफी कम कर दिया है जो उनके प्रशासन की रूसी ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर कार्रवाई से मेल खाता है।
ट्रंप की नई टिप्पणी दोनों देशों के बीच जारी व्यापार वार्ताओं के दौरान आई है। अमेरिका ने हाल में रूसी कच्चे तेल की लगातार खरीद पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। इसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क रूसी तेल खरीद के लिए है। फिर भी हाल के दिनों में वाशिंगटन ने नई दिल्ली के प्रति नरमी के संकेत दिए हैं। इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दोतरफा रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए ट्रंप की बात को दोहराते हुए कहा कि भारत अमेरिका का अहम साझेदार है।
अगले दस वर्षों की योजना तैयार
दूसरी ओर एक अलग मीडिया खबर के अनुसार अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने अमेरिकी सीनेटर स्टीव डेन्स और सहायक विदेश मंत्री पॉल कपूर से भेंट की। इन दोनों नेताओं से व्यापार रक्षा और तकनीकी सहयोग पर विचार विमर्श हुआ। इसमें मौजूदा दोतरफा व्यापार संबंध दस साल की रक्षा ढांचा समझौते पर दस्तखत दोनों देशों के बीच तकनीक और नवाचार में सहयोग के मौके शामिल थे।
ट्रंप का भारत आने का बयान अहम है क्योंकि इसी वर्ष अगस्त में द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि वाशिंगटन के भारी शुल्क लगाने के फैसले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल के अंत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का इरादा नहीं रखते। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि ट्रंप ने पहले पीएम मोदी को सर्दियों में सम्मेलन में शामिल होने का वादा किया था लेकिन अब वह योजना निरस्त कर दी गई है।

