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देश

130वें संविधान संशोधन विधेयक पर बिफरी ममता बनर्जी, बताया- सुपर आपातकाल, मृत्यु वारंट

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: August 20, 2025 4:01 PM
Last updated: August 20, 2025 7:59 PM
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Mamata Banerjee
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लेंस डेस्‍क। लोकसभा में पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन विधेयक 2025 की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी निंदा की है। इस विधेयक में प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री लगातार 30 दिन तक जेल में रहता है, तो उसे 31वें दिन अपने पद से इस्तीफा देना होगा या उसे हटा दिया जाएगा। ममता बनर्जी ने इस विधेयक को लोकतंत्र और संघवाद के लिए “मौत की घंटी”, “मृत्यु वारंट” करार देते हुए इसे “सुपर आपातकाल” से भी बदतर कदम बताया है।

ममता बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह विधेयक भारत के लोकतांत्रिक युग को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए कहा कि यह विधेयक न्यायिक प्रणाली की संवैधानिक भूमिका को छीनने और न्याय व संघीय संतुलन के मामलों में अदालतों की शक्ति को खत्म करने का प्रयास है। ममता ने इसे “हिटलर जैसा हमला” करार देते हुए कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र को पक्षपातपूर्ण हाथों में सौंपने की कोशिश है।

I condemn the 130th Constitutional Amendment Bill, proposed to be tabled, by the Government of India today. I condemn it as a step towards something that is more than a super- Emergency, a step to end the democratic era of India for ever. This draconian step comes as a death… pic.twitter.com/Vx78R1fh6V

— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 20, 2025

उन्होंने चेतावनी दी कि यह विधेयक न केवल सुधारों के नाम पर पीछे की ओर कदम है, बल्कि यह एक ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है जहां कानून स्वतंत्र अदालतों के हाथ में नहीं, बल्कि स्वार्थी हितों के अधीन होगा। ममता ने इसे न्यायिक जांच को चुप कराने, संवैधानिक सुरक्षा को ध्वस्त करने और लोगों के अधिकारों को कुचलने की कोशिश बताया। उन्होंने इसे इतिहास के उन अधिनायकवादी और फासीवादी शासनों से जोड़ा, जिन्हें 20वीं सदी के अंधेरे अध्यायों में दुनिया ने निंदा की थी।

ममता बनर्जी ने विशेष गहन संशोधन (SIR) के नाम पर मतदाताओं के अधिकारों को दबाने के प्रयास की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक केंद्र सरकार को अनुचित शक्तियां देता है, जिससे वह निर्वाचित राज्य सरकारों के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकती है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जैसी एजेंसियों को “पिंजरे का तोता” बताते हुए कहा कि यह विधेयक प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को असंवैधानिक तरीके से शक्तियां प्रदान करता है।

ममता ने इस विधेयक को संविधान की मूल संरचना संघवाद, शक्तियों का पृथक्करण और न्यायिक समीक्षा पर हमला बताया, जिसे संसद भी नहीं बदल सकती। उन्होंने इसे संवैधानिक शासन के लिए “मृत्यु वारंट” करार दिया और कहा कि इसे हर कीमत पर रोका जाना चाहिए।

उन्होंने लोगों से इस खतरनाक कदम का विरोध करने की अपील की और कहा कि संविधान सत्ता में बैठे लोगों की संपत्ति नहीं, बल्कि भारत के लोगों की धरोहर है। ममता ने जोर देकर कहा कि यह विधेयक एक व्यक्ति, एक पार्टी और एक सरकार की व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।

उन्होंने देशवासियों से इस विधेयक के खिलाफ एकजुट होने और लोकतंत्र को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा, “लोग अपनी अदालतों, अपने अधिकारों और अपने लोकतंत्र को छीनने की किसी भी कोशिश को माफ नहीं करेंगे।

TAGGED:130th Constitutional Amendment Billdeath warrantLatest_NewsMamata Banerjeesuper emergency
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