रायपुर। छत्तीसगढ़ की 10 साल की अनविका अग्रवाल ( MOUNTAINEERS OF CHHATTISGARH ) ने अपने साहस और जुनून से ऐसा कमाल किया है, जो हर किसी को हैरान कर रहा है। अनविका ने बिना किसी पर्वतारोहण प्रशिक्षण के दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप (5,364 मीटर) तक की मुश्किल यात्रा पूरी कर ली है इस उपलब्धि के साथ वह छत्तीसगढ़ की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं और उनके साथ उनकी बहन 13 साल की रियाना अग्रवाल भी बेस कैंप तक गयी हैं ।

द लेंस ने दोनों बहनों से बात की दोनों बहनों ने इस जर्नी से जुड़े पलों के बारे में बताया, अनविका और रियाना ने 11 दिन की कठिन चढ़ाई माइनस 10 डिग्री सेल्सियस के ठंडे मौसम में पूरी की। रास्ते में उनकी तबीयत थोड़ी खराब हुई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपनी माँ-बाप और बहन के साथ मिलकर अनविका ने घर पर दौड़ने और सीढ़ियाँ चढ़ने जैसी साधारण तैयारी की, जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हुईं।

उनके माता-पिता इस साहसिक यात्रा में हर कदम पर उनके साथ रहे। ठंडी हवाओं, ऑक्सीजन की कमी और मुश्किल रास्तों के बावजूद अनविका ने हार नहीं मानी और बेस कैंप तक पहुंच गईं। पर्वतारोहण के अलावा, अनविका को पढ़ने-लिखने का भी शौक है। उन्होंने 10 साल की छोटी उम्र में ही एक किताब लिखी है, जो उनकी रचनात्मक प्रतिभा को दिखाती है। अब उनका अगला सपना माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचना है और इसके लिए उन्होंने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। अनविका की यह शानदार उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। उनकी हिम्मत और जज्बा सबके लिए प्रेरणा है।
