पत्रलेखा चटर्जी

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जहरीली हवाएं और मास्क के पीछे की हकीकत

भारत में सर्दियां के साथ ही असंतोष की आवाजें भी सुनी जा सकती हैं। मास्क मानो राष्ट्रीय गणवेश…

बिहार के प्रवासी मजदूरों की दुविधाः वोट दें या नौकरी पर लौटें

अब जबकि बिहार में विधानसभा चुनाव का प्रचार पूरे शबाब पर है, कुछ मुद्दे नाटकीय तरीके से सामने…

बाढ़ से टैरिफ तक : अनेक संकटों से निपटने की तैयारी कहां है

भारत एक समय में केवल एक संकट का सामना नहीं कर रहा है, बल्कि वह पॉलीक्राइसिस यानी बहुसंकट…

बाढ़ में डूबते शहरों को कैसे बचाएं? रास्ता है, ब्ल्यू-ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर…क्या सरकारें इसे अपनाएंगी 

भारत के शहर डूब रहे हैं। सिर्फ पानी में नहीं, बल्कि नियोजन की बदतर विरासत, उपेक्षित ढांचे और…

एआई के लिए कितनी तैयार है हिंदी पट्टी

भारत कृत्रिम मेधा यानी एआई क्रांति के मुहाने पर खड़ा है, जिससे सब कुछ बदल जाएगा। खेती करने…

हादसों का सबक : नए निर्माण से ज्यादा जरूरी पुराने का रखरखाव

भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर यानी अधोसंरचना या ढांचा सिर्फ एक नीतिगत शब्द भर नहीं है। यह एक सियासी मसला…