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नोटबंदी के 9 साल बाद सवाल वही, कितना मिटा काला धन?

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: November 8, 2025 9:02 PM
Last updated: November 8, 2025 9:02 PM
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demonetisation
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लेंस डेस्‍क। आज से ठीक नौ साल पहले उस वक्‍त देश में हड़कंप मच गया था जब आठ नवंबर 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ और हजार रुपये के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था। देश की कुल मुद्रा का 86 प्रतिशत इन नोटों में था। बदले में नए 500 और 2000 के नोट जारी किए गए। दो हजार के नोट अब बाजार से गायब हो चुके हैं।

खबर में खास
कानपुर में मनाया गया काला दिवसटीएमसी ने बताया सबसे बड़ा छलावा

उस दौर में बैंकों-एटीएम के बाहर लंबी कतारें, महीनों तक परेशानी। पीएम ने 50 दिन मांगे थे, कहा था कि 30 दिसंबर के बाद कोई गलती मिली तो सजा भुगतने को तैयार हूं। नौ साल बाद भी सवाल वही… नोटबंदी ने क्या बदला? नोटबंदी पर द लेंस ने अलग से एक वीडियो रिपोर्ट की है, जिसे आप यू टूयूब पर देख सकते हैं।

नोटबंदी के तुरंत बाद RBI ने इमरजेंसी में 2000 रुपये के नए नोट छापे। सोचा, सिस्टम में कैश का फ्लो बना रहेगा। लेकिन हकीकत अलहदा थी। बैंक और ATM के बाहर मीलों लंबी कतारें लगीं। लोग भूखे-प्यासे घंटों खड़े रहे। किसान, मजदूर, बुजुर्ग सबको बस एक ही काम था पहले नोट बदल ली जाए।

इसके बाद RBI की आधिकारिक रिपोर्ट ने खुलासा किया कि सिस्टम से निकाले गए 15.44 लाख करोड़ के नोटों में से 15.31 लाख करोड़ यानी 99% वापस बैंकों में लौट आए। मतलब, काला धन बाहर न आया, बल्कि सिस्टम फिर से वैसा ही हो गया। आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा था, 29 नवंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के नागरोटा में सेना के कैंप पर आंतकवादी हमला हो जाता है। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा अटैक हो जाता है। और सबसे ताजा हमला 22 अप्रैल 2025 पहलगाम होता है। जिसमें 26 लोगों की मौत हो जाती है। इन घटनाओं के दरमियान भी बहुत से हमले हुए जिसका जिक्र हम नहीं कर रहे हैं, वो आप सर्च कर सकते हैं।

कानपुर में मनाया गया काला दिवस

कानपुर में नोटबंदी की नौवीं बरसी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को काला दिवस के रूप में चिह्नित किया। शिवाला बाजार में एकत्र हुए सदस्यों ने जोरदार नारे लगाए और विरोध जताया।

अध्यक्ष पवन गुप्ता ने बताया कि यह निर्णय सदैव एक दुखद स्मृति बनकर रहेगा। सरकार ने कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के हित साधने के लिए यह कदम उठाया जिससे आम नागरिक भारी मुश्किलों में फंस गए। बहुतों की रोजी रोटी छिन गई और असंख्य कारखाने तथा व्यवसाय ठप पड़ गए। इस मौके पर हरप्रकाश अग्निहोत्री नरेश त्रिपाठी पदम मोहन मिश्रा संतोष त्रिपाठी रितेश यादव राकेश साहू संजय दीक्षित आसिफ इकबाल आनंद शुक्ला अंजना सक्सेना समेत कई लोग उपस्थित थे।

टीएमसी ने बताया सबसे बड़ा छलावा

On this day, exactly nine years ago, the biggest fraud on Indians. Demonetisation

PM @narendramodi outside Parliament versus Us, inside Parliament

You judge pic.twitter.com/VzGfBuX5RA

— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) November 8, 2025

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा की। वीडियो अपलोड करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि 2016 का नोटबंदी कांड देश के लोगों के साथ सबसे बड़ा छलावा था। वीडियो की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी का पुराना संबोधन चलता है उसके बाद ओब्रायन की बातें आती हैं। उस संबोधन में मोदी जनता से अपील करते हैं कि उन्हें पचास दिनों का मौका दें ताकि नोटबंदी के असर का जायजा लिया जा सके फिर किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी।

वीडियो में मोदी के संसद परिसर के बाहर वाले बयान और सदन के भीतर विपक्ष के जवाब को एक साथ जोड़कर दिखाया गया है जहां ओब्रायन कहते हैं कि मोदी बाहर और हम भीतर ये अलग अलग दृश्य हैं। साझा क्लिप में मोदी का वह पुराना वक्तव्य भी शामिल है जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि तीस दिसंबर के बाद अगर उनके काम में कोई खामी या भूल नजर आए तो वे राष्ट्र की ओर से मिलने वाली किसी भी सजा को स्वीकार करने को तैयार हैं।

टीएमसी सांसद ने अपने पिछले राज्यसभा संबोधन का अंश भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राय का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मैं काले धन और भ्रष्टाचार का विरोधी हूं परंतु साधारण नागरिकों तथा छोटे दुकानदारों की फिक्र मुझे सताती है। वे कल अपनी दैनिक जरूरतों की वस्तुएं कैसे हासिल करेंगे यह एक आर्थिक अव्यवस्था है जो सामान्य लोगों पर लाद दी गई। ओब्रायन ने आगे कहा कि नोटबंदी का यह कदम गरीबों किसानों और लघु उद्यमियों को बर्बाद करने वाला निकला।

TAGGED:9 years of demonetisationBig_NewsDemonetisation
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