कोलकाता। मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने आज कोलकाता में बड़ा मार्च किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मार्च के बाद सभा की जिसमें चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
ममता ने भाजपा पर इल्जाम लगाया कि वह बंगाली प्रवासियों को बांग्लादेशी करार देकर राज्य के विरुद्ध अफवाहें उड़ा रही है। उनका कहना था कि भाजपा इस प्रक्रिया से बंगाल के वोटरों को भयभीत करने का प्रयास कर रही है। ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह स्पष्ट करे कि एसआईआर के बाद बिहार में कितने रोहिंग्या या बांग्लादेशी पाए गए।
कोलकाता की सभा में उन्होंने कहा कि भाजपा जानबूझकर गलत जानकारी फैलाकर मतदाताओं को डराने की योजना बना रही है। उनके मुताबिक एसआईआर भाजपा का एक औजार है जिससे राज्य में दहशत का वातावरण पैदा करना चाहती है। तृणमूल कांग्रेस इसका कड़ा विरोध दर्ज करा रही है।
दूसरी ओर तृणमूल के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने एसआईआर को चुनाव आयोग की ओर से हो रही धांधली बताया। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीतेगी। चुनाव आयोग बारह राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में एसआईआर का दूसरा चरण चला रहा है जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है जहां अगले साल चुनाव होने हैं।
ओब्रायन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि 2011 से 2024 तक लगातार चुनावी सफलताएं मिली हैं क्योंकि लोग तृणमूल पर विश्वास करते हैं। उन्होंने 2011 2016 2021 के विधानसभा और 2014 2019 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत का उल्लेख किया। उनका कहना था कि ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी मिलकर एसआईआर के विरोध में जनता की अगुवाई कर रहे हैं जो चुनाव आयोग की धांधली है।
इस मार्च में हजारों तृणमूल कार्यकर्ता शामिल हुए जिनके हाथों में विभिन्न झंडे और नारे वाले बैनर थे। कुछ नारे केंद्र सरकार पर तो कुछ चुनाव आयोग पर केंद्रित थे।
ममता बनर्जी के मार्च पर विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने टिप्पणी की कि यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में एक धार्मिक आयोजन है जिसमें खास समुदाय के लोग शामिल हुए। उनका कहना था कि तृणमूल और ममता बांग्लादेशी मुसलमानों की हिफाजत कर रही हैं।
तृणमूल के चुनाव प्रचार में फर्जी दस्तावेजों के मामले में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में उन्होंने भाजपा नेता विजय सिंह और महासचिव जगन्नाथ चटर्जी के साथ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जैसे सबूत सौंपे। उनका आरोप था कि तृणमूल पूरी प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रही है इसलिए लिखित शिकायत दी गई है।

