नई दिल्ली। बीते 10 दिनों से लापता उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप सिंह का शव उत्तरकाशी जिले के एक बैराज से बरामद हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल ने बताया कि मौत के कारणों की पुष्टि के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी कार खाई में गिरकर नदी में चली गई थी. उस समय नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ था। हमें घटना से कुछ मिनट पहले का सीसीटीवी फुटेज मिला है। जिसमें वे अकेले कार चला रहे थे।’
36 वर्षीय प्रताप, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के पूर्व छात्र थे और दिल्ली उत्तराखंड लाइव नाम से एक फ़ेसबुक पेज चलाते थे, जो स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित था। उनके परिवार का आरोप है कि हालिया रिपोर्टों को लेकर उन्हें कई बार धमकियां मिली थीं। 18 सितंबर को उनकी कार क्षतिग्रस्त हालत में नदी के पास पाई गई थी।
उनकी पत्नी मुस्कान ने बताया कि आखिरी बार रात करीब 11 बजे उनकी राजीव से बात हुई थी ‘वो कह रहे थे कि अस्पताल और स्कूल पर रिपोर्ट डालने के बाद वे बहुत परेशान थे। कई लोग उन्हें कॉल करके धमकी दे रहे थे कि अगर वीडियो नहीं हटाए गए तो जान से मार देंगे। रात 11.50 पर मैंने उन्हें मैसेज किया, लेकिन डिलीवर नहीं हुआ। मुझे पूरा यकीन है कि उनका अपहरण हुआ था, ये केवल सड़क से गिरने की बात नहीं है।’
वहीं, डीएसपी जनक सिंह पंवार ने बताया कि प्रताप का शव भागीरथी नदी के जोशियाड़ा बैराज से निकाला गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर शोक जताया और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, उत्तराखंड के पत्रकारों ने भी प्रताप की मौत की परिस्थितियों को स्पष्ट करने की मांग की है।