लखनऊ। लंबे इंतजार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (AAZAM KHAN) आज सीतापुर जेल की सलाखों से आजाद हो गए। करीब 23 महीने की कैद के बाद उनकी रिहाई दोपहर करीब 12:30 बजे हुई।
जेल से बाहर निकलते ही वे अपने बेटों अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम के साथ रामपुर स्थित पैतृक निवास के लिए रवाना हो गए। सैकड़ों समर्थकों की भीड़ के बीच यह क्षण भावुक और उत्साहपूर्ण रहा, हालांकि सुरक्षा के कड़े इंतजामों के कारण जिले में तनाव भी महसूस किया गया।
रिहाई में देरी, लेकिन अंत में राहत
आजम खान की रिहाई की प्रक्रिया सुबह 9 बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन अदालत में जुर्माने की अदायगी और कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के कारण यह दोपहर तक टल गई।
जेल अधिकारियों ने बताया कि सभी जरूरी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद ही उन्हें रिहा किया गया। जेल के बाहर सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ जुटी रही, जिसके चलते ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई। प्रशासन ने धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी, लेकिन उत्साहित समर्थक जेल परिसर के आसपास डटे रहे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘आजम खान हमारे परिवार का हिस्सा हैं। जब सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में सत्ता में आएगी, तो उनके खिलाफ लगाए गए सभी झूठे मुकदमों को वापस लिया जाएगा।’
वहीं, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने जेल के बाहर कहा, ‘सरकार ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया था। अदालत ने न्याय किया है, जिसका हम स्वागत करते हैं। पार्टी उनके हर कदम पर साथ खड़ी है।’ शिवपाल ने यह भी आरोप लगाया कि आजम पर दर्ज मामले राजनीतिक साजिश का हिस्सा थे।
वकील ने बताई कानूनी प्रक्रिया: 55 मामलों में राहत
आजम खान के वकील जुबैर अहमद खान ने बताया कि कुल 55 लंबित मामलों में अदालतों से रिहाई के परवाने जारी हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश सीतापुर जेल पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, ‘एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से 55 परवाने और बाकी अन्य अदालतों से आए हैं। अगर कोई तकनीकी खामी न हुई, तो आज ही रिहाई हो जाती। वरना कल तक सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।’
वकील ने कुल मामलों की संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन पुष्टि की कि क्वालिटी बार भूमि कब्जा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से 18 सितंबर को जमानत मिल चुकी है।
आजम पर दर्ज 16 से अधिक एफआईआर में जमीन कब्जा, आपराधिक धाराएं और अन्य आरोप शामिल हैं। इनमें से कई में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन कुछ में अभी सुनवाई बाकी है। रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में एक मामले में पुलिस ने अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल की थी, जिसकी अगली सुनवाई हो चुकी है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, समर्थकों में जोश
जेल प्रशासन ने रिहाई से पहले सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए थे। सुबह से ही जिले में पुलिस बल तैनात रहा, खासकर जेल परिसर और आसपास के इलाकों में। सीतापुर के सीओ विनायक भोसले ने बताया, ‘नवरात्रि के कारण सड़कें संकरी हैं और भीड़ अधिक है। धारा 144 लागू है, इसलिए अनावश्यक जमावड़े पर कार्रवाई की जा रही है।’