रायपुर। भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन तीजा पोरा तिहार के मौके पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम में पूर्व मंत्री चौबे ने भूपेश बघेल को फिर से प्रदेश का नेतृत्व देने की इच्छा जताई है। रविंद्र चौबे का बयान ऐसे समय आया, जब महीनेभर पहले भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने गिरफ्तार किया है और वे अभी भी जेल में हैं।
पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के इस बयान से कांग्रेस की राजनीति में खलबली मचा दी। फिलहाल कांग्रेस ने भूपेश बघेल को राष्ट्रीय महासचिव बनाते हुए पंजाब का प्रभारी बनाया है।
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज को लंबे समय से हटाए जाने की चर्चा है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही उन्हें हटाने की चर्चा चल रही थी, लेकिन उन्हें नहीं हटाया गया। छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच मई 2025 को राहुल गांधी ने पत्र लिखकर दीपक बैज की तारीफ की। इस पत्र में राहुल गांधी ने न सिर्फ महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर निकाली गई पदयात्रा की सराहना की, बल्कि संगठन में उनके सक्रिय रोल को भी स्वीकारा है।
राहुल गांधी की यह पत्र ऐसे समय पर आया था, जब बैज को हटाने की अटकलें तेज थीं। इसके अलावा पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही थी। हाईकमान के इस संदेश को बैज के पक्ष में समर्थन के तौर पर देखा गया था।
इसके बाद घटनाक्रम बदला और 7 जुलाई को कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की किसान, जवान और संविधान रैली में भारी बारिश के बीच भीड़ ने इस रैली को सफल बनाया। इसके साथ ही दीपक बैज को अपना कार्यकाल पूरा करने के संकेत मिले, जो जुलाई 2026 तक का है।
अब रविंद्र चौबे के बयान ने एक बार चर्चाएं तेज कर दी हैं। रविंद्र चौबे की भूपेश बघेल को नेतृत्व देने की इच्छा जताने के बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बयान आया है।
दीपक बैज ने कहा कि रविन्द्र चौबे बहुत ज्ञानी नेता हैं। वहीं, टीएस सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल एक प्रदेश के प्रभारी हैं। वे प्रदेश अध्यक्ष से बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रवीन्द्र चौबे जी बहुत ज्ञानी नेता हैं। वरिष्ठ नेता हैं। बहुत ज्ञानी हैं। उनका व्यक्तिगत बयान है। उन्हीं से जाकर पूछें तो ज्यादा बेहतर होगा।
रविंद्र चौबे के बयान पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि रविन्द्र चौबे ने भूपेश बघेल की क्षमता को पहचानते हुए ये बातें कहीं हैं। रविंद्र चौबे भूपेश कैबिनेट में उनके बेहद विश्वस्त मंत्री रहे हैं। भूपेश से उनके अच्छे संबंध हैं।
टीएस सिंहदेव कहते हैं कि अखिल भारतीय कांग्रेस में महासचिव के तौर पर उन्हें जवाबदारी मिली है। पार्टी तो उनकी क्षमता को पहचानती ही है। आगे जैसा निर्णय पार्टी करेगी, वह जवाबदारी मिलेगी।
टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि अब तो वे वर्किंग कमेटी के सदस्य हो गए हैं। एक राज्य के प्रभारी महासचिव हैं, कांगेस के। तो प्रदेश अध्यक्ष से तो सीनियर हैं। आगे जैसी जवाबदारी पार्टी समझती है वह सौंपेगी। बाकी उन्हें शुभकामनाएं।
इस मामले में कांग्रेस के सहप्रभारी विजय जांगिड़ का बयान सामने आया है। विजय जांगिड़ ने कहा कि भूपेश बघेल लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे हैं। वे कांग्रेस के महासचिव हैं। हमारे सभी वरिष्ठ नेता अपने तरीके से जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
विजय जांगिड़ ने आगे कहा – भूपेश बघेल फाइटर नेता हैं, आक्रामक तरीके से लड़ रहे हैं। कांग्रेस में हमेशा कलेक्टिव लीडरशिप रही है। भूपेश बघेल भी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री थे तो सभी को लेकर चलते थे।
रविंद्र चौबे के कांग्रेस का नेतृत्व भूपेश बघेल को सौंपने वाले बयान पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि कांग्रेस के नेता आपस में लगातार झगड़ते हैं। कांग्रेस के झगड़ों का अंत नहीं होना है।
अरुण साव ने आगे कहा कि जिनके नेतृत्व में सरकार हारी हो तो रविंद्र चौबे के भरोसा करने से कुछ नहीं होगा। कांग्रेस के नेता आपस में झगड़ सकते हैं वे और कुछ नहीं कर सकते।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संतोष पांडेय ने कहा, ‘कांग्रेस उन्हें छत्तीसगढ़ की बजाए देश का अध्यक्ष बनाए, हमें कोई दिक्कत नहीं है। जैसे उन्होंने छत्तीसगढ़ को बर्बाद कर दिया है। पूरे देश और पार्टी को भी वैस् ही बर्बाद कर देंगे।’