रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के तालापारा सरकारी स्कूल में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में 14 अगस्त को तीन वर्षीय बच्ची मुस्कान महिलांग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बच्ची के परिजनों का आरोप है कि आंगनबाड़ी में सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं है और इसी लापरवाही के कारण उनकी बच्ची की जान गई।
आंगनबाड़ी से यह दर्दनाक घटना 14 अगस्त को हुई है। यहां खेल रही एक मासूम बच्ची की जान एक लापरवाही के कारण चली गई। एक आंगनबाड़ी में तीन वर्षीय मुस्कान महिलांग रोज की तरह खेल रही थी। आंगनबाड़ी में खेलने के दौरान ही बच्ची की मौत हो गई। मौत के कारणों को जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुस्कान की मौत किसी भारी चीज के गिरने से हुई। बाद में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि भारी सामान कुछ और नहीं बल्कि डीजे का बॉक्स था। यह आंगनबाड़ी परिसर में असुरक्षित तरीके से रखा गया था।
आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला ने घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि बच्ची गरीब मजदूर परिवार से थी। इस कारण प्रशासन ने अब तक किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की है। न ही आंगनबाड़ी प्रबंधन पर कोई कार्रवाई की गई है। यह स्पष्ट रूप से शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता और गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने सवाल उठाते हुए कहा की यही घटना अगर प्राइवेट स्कूल में होती तो स्कूल मैनेजमेंट पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन, यह सरकारी स्कूल है इसलिए यहां जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि क्योंकि यह बच्ची गरीब है इसलिए इस मामले में लीपापोती की जा रही है। अगर यही बच्ची किसी पूंजीवादी परिवार से होती तो तुरंत शासन इस मामले में संज्ञान लेती और कार्रवाई करती।