नई दिल्ली। Online Gaming Bill : ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की आड़ में चल रहे फर्जीवाड़े पर शिंकजा कसने का रास्ता साफ हो गया है। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा ने भी ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित एक विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसने वास्तविक धन से जुड़े गेमिंग उद्योग में खलबली मचा दी है। इस उद्योग का मानना है कि यह कानून उनके लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
गेमिंग कंपनियों का कहना है कि अगर यह कानून अपने मौजूदा रूप में लागू हुआ, तो कई कंपनियां बंद हो सकती हैं और लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। साथ ही सरकार को मिलने वाला जीएसटी राजस्व भी प्रभावित हो सकता है।
इस कानून के प्रभाव में आने पर गूगल प्ले स्टोर से पैसे से जुड़े गेमिंग ऐप डाउनलोड नहीं किए जा सकेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार का मकसद सामाजिक नुकसान और आत्महत्या जैसी समस्याओं को रोकना है, न कि केवल राजस्व पर ध्यान देना। उनके मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग की लत नशे की तरह है। हालांकि, सरकार ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगी, क्योंकि ये खेल मानसिक विकास और बच्चों में नेतृत्व क्षमता को प्रोत्साहित करते हैं।
संचालकों को होगी सजा
विधेयक के अनुसार, पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं होगी, लेकिन ऐसी गेमिंग ऐप चलाने वाली कंपनियों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल हो सकती है। इन गेम्स का प्रचार करने वाले सेलिब्रिटी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना और दो साल की जेल का प्रावधान है। साथ ही, ऐसे गेम्स में लेन-देन की सुविधा देने वालों को भी एक करोड़ रुपये के जुर्माने और तीन साल की सजा का प्रावधान है। नए नियम लागू होने तक मौजूदा गेमिंग व्यवस्था जारी रहेगी।
सरकार का कहना है कि कई सालों से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सट्टेबाजी रोकने के लिए कदम उठाने को कहा जा रहा था, लेकिन उन्होंने कोई ठोस प्रयास नहीं किया। देश में क्रिकेट से जुड़े ऑनलाइन गेम्स को लगभग 20 करोड़ लोग खेलते हैं, जबकि शेयर बाजार में इतने खुदरा निवेशक भी नहीं हैं। ये खिलाड़ी गेमिंग ऐप के जरिए सट्टेबाजी करते हैं। 2023 में सरकार ने ऐसे गेम्स पर 28% जीएसटी लगाया था।
बंद हो जाएंगी 300 गेमिंग कंपनियां !
कहा जा रहा है कि इस प्रतिबंध से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान होगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि वह इसकी चिंता नहीं करती और ई-स्पोर्ट्स व सोशल गेमिंग को बढ़ावा देकर नई नौकरियां पैदा करेगी। वर्तमान में भारत में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार 3.8 अरब डॉलर का है।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन और अन्य संगठनों का कहना है कि इस विधेयक के लागू होने से 300 गेमिंग कंपनियां बंद हो सकती हैं और दो लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। इससे उद्योग में असुरक्षा बढ़ेगी और कई छोटे व्यवसाय बंद हो सकते हैं।
गेमिंग उद्योग का अनुमान है कि इस क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है, जो इस कानून के लागू होने पर डूब सकता है। इससे कंपनियों और निवेशकों को भारी नुकसान होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर से सरकार को हर साल 20,000 करोड़ रुपये का जीएसटी मिलता है, जो प्रभावित हो सकता है।