द लेंस डेस्क। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित करने का ऐलान किया है। यह फैसला 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले लिया गया है, जिसने RJD के समर्थकों, कार्यकर्ताओं और बिहार की सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। लालू यादव ने तेज प्रताप के “गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार” और पारिवारिक मूल्यों की अवहेलना को इस निष्कासन का प्रमुख कारण बताया है। यह खबर न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गई है।
निष्कासन का कारण

लालू प्रसाद यादव ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक विस्तृत बयान जारी कर तेज प्रताप के निष्कासन की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।”
सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद

इस फैसले का तात्कालिक कारण तेज प्रताप द्वारा शनिवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक महिला, जिसे अनुष्का यादव के रूप में पहचाना गया, के साथ तस्वीर साझा करना माना जा रहा है। इस पोस्ट में तेज प्रताप ने दावा किया था कि वह अनुष्का के साथ 12 साल से रिलेशनशिप में हैं। पोस्ट में उनकी निजी जिंदगी से जुड़े कुछ विवादास्पद बयान भी थे, जिन्हें परिवार और पार्टी ने अनुचित माना।
क्या बोले तेजप्रताप
पोस्ट वायरल होने के बाद तेज प्रताप ने इसे हटा दिया और दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। उन्होंने एक बयान में कहा, “मेरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हैक कर लिया गया और मेरी तस्वीरों को गलत तरीके से एडिट किया गया है। यह मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है।” हालांकि, लालू यादव और RJD नेतृत्व ने इस सफाई को स्वीकार नहीं किया। लालू ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि तेज प्रताप अपने निजी जीवन के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इसका असर RJD की छवि और परिवार की गरिमा पर नहीं पड़ना चाहिए।
तेज प्रताप का विवादों से पुराना नाता
यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप यादव अपने व्यवहार या बयानों के कारण विवादों में घिरे हों। तेज प्रताप, जो हसनपुर से RJD विधायक हैं, पहले भी अपने अप्रत्याशित और विवादास्पद कदमों के लिए चर्चा में रहे हैं। 2018 में कार्यकर्ता के साथ बदसलूकी को लेकर भी तेज प्रताप चर्चा में आये थे। इसके अलावा उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “पलटू चाचा” कहकर तंज कसा था, जिसे विपक्षी दलों ने RJD की सियासी अपरिपक्वता के रूप में पेश किया।
2018 में हुई थी शादी
तेज प्रताप यादव की शादी 12 मई 2018 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती और RJD विधायक चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय के साथ हुई थी। यह शादी बिहार की सबसे हाई-प्रोफाइल शादियों में से एक थी, जिसमें करीब 50,000 लोग शामिल हुए थे। शादी के महज 175 दिन बाद, 1 नवंबर 2018 को तेज प्रताप ने पटना के फैमिली कोर्ट में ऐश्वर्या से तलाक के लिए अर्जी दायर की। इन सब के बीच ऐश्वर्या ने लालू परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
इसी साल होना है विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, और चुनाव आयोग द्वारा अक्टूबर-नवंबर 2025 में सभी 243 सीटों पर चुनाव कराए जाने की संभावना है। यह चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), जिसमें जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी शामिल हैं, और महागठबंधन, जिसमें RJD, कांग्रेस और अन्य दल शामिल हैं, उनके बीच एक कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। लालू का तेज प्रताप को निष्कासित करने का फैसला इस महत्वपूर्ण चुनाव से पहले कई प्रभाव डाल सकता है। तेज प्रताप की कुछ क्षेत्रों में लोकप्रियता है, और उनका निष्कासन यादव समुदाय में असंतोष पैदा कर सकता है। साथ ही बीजेपी और जेडीयू इसे मुद्दा बनाकर चुनावी लाभ ले सकते हैं।