[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
बिजली निजीकरण के खिलाफ इंजीनियर्स फेडरेशन ने कसी कमर, विधेयक वापस वापस लेने की मांग
आइसलैंड में तीन मच्‍छरों का मिलना, जलवायु परिवर्तन का कितना बड़ा संकेत है?
NEET PG 2025 काउंसलिंग में बदलाव,चॉइस भरने की आखिरी तारीख बढ़ी
अस्पताल के बाहर कचरे डिब्बे के पास 5-6 माह का भ्रूण मिला, पुलिस कर रही CCTV से जांच
अब हर टेक कंपनी को माननी होंगी Do No Harm गाइडलाइंस, भारत सरकार का फैसला
क्रेशर संचालक की गुंडागर्दी, डीजल-पेट्रोल चोरी के शक में दो युवकों पाइप-रस्‍सी से बांधकर पिटाई
एयर इंडिया प्‍लेन हादसे के लिए पायलट जिम्‍मेदार नहीं : सुप्रीम कोर्ट
पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा…‘1937 में वंदे मातरम के टुकड़े कर दिए गए’  
डोनाल्ड ट्रंप आएंगे भारत, लेकिन कब?
दिल्ली एयरपोर्ट पर ATC सिस्टम की खराबी से 300 उड़ानें लेट, GPS स्पूफिंग से पायलट परेशान
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

जजों की संपत्ति

Editorial Board
Editorial Board
Published: May 6, 2025 7:11 PM
Last updated: May 6, 2025 7:11 PM
Share
Deputy collector punished with demotion
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

यह अच्छा है कि सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने खुद से अपनी संपत्ति के ब्योरे सार्वजनिक करने की पहल की है। न्यायपालिका के भीतर इसे लेकर लंबे समय तक मंथन चला है। 1997 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे एस वर्मा की अध्यक्षता में पूर्ण पीठ ने संकल्प लिया था कि जज मुख्य न्यायाधीश को अपनी संपत्ति के ब्योरे देंगे, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। इसके बाद 2009 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश के जी बालकृष्णन के कार्यकाल में तय किया गया कि जज स्वैच्छिक रूप से अपनी संपत्ति के ब्योरे सार्वजनिक करेंगे। इस बीच, 2023 में एक संसदीय समिति ने सिफारिश कर दी कि सरकार कानून लाकर जजों के लिए संपत्ति बताना अनिवार्य कर दे। सरकार का पहले ही जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर टकराव चल रहा है, ऐसे में इसे भी स्वाभाविक रूप से न्यायपालिका के काम में दखल माना गया। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर हुई आगजनी के दौरान कथित तौर पर बड़े पैमाने पर नकदी मिलने के बाद न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई। इसके बाद ही चीफ जस्टिस खन्ना की पहल पर यह कदम उठाया गया है और यह न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि संस्थागत भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में अभी बहुत काम किए जाने की जरूरत है। और फिर बात, सिर्फ न्यायपालिका की नहीं है, क्या इस पर भी चर्चा नहीं होनी चाहिए कि एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्रियों की औसत संपत्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक है!

TAGGED:EditorialJudges' property
Previous Article Kisan Jawan Samvidhan पहलगाम हमले से पहले थी खुफिया जानकारी? खरगे ने पीएम मोदी पर लगाए गंभीर आरोप
Next Article Karreguta Pahadi कर्रेगुट्टा पहाड़ी में IED ब्लास्ट से कोबरा अफसर ने गंवाया पैर, एक महिला नक्सली की मिली लाश
Lens poster

Popular Posts

‘द बंगाल फाइल्स’ का ट्रेलर रिलीज, विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ दर्ज हुई FIR

कोलकाता। बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ अपने ट्रेलर रिलीज के साथ ही विवादों के केंद्र…

By पूनम ऋतु सेन

बिहार: वोटर अधिकार यात्रा के जरिए महागठबंधन में कांग्रेस और राज्य में वोट चोरी का मुद्दा मजबूत हो रहा

भारतीय राजनीति में यात्राओं का लंबा इतिहास रहा है। राहुल गांधी के राजनीतिक कद को…

By राहुल कुमार गौरव

जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर का कबूलनामा-Operation Sindoor में मारा गया परिवार, लेकिन भाग निकला आतंकी मसूद अजहर

नई दिल्‍ली। Operation Sindoor के दौरान पाकिस्‍तान के बहावलपुर में आतंकी मसूद अजहर का पूरा…

By Lens News

You Might Also Like

Vice Presidential elections
लेंस संपादकीय

दक्षिण बनाम दक्षिण

By Editorial Board
Congress Raipur rally
लेंस संपादकीय

कांग्रेस ने दिखाई ताकत

By Editorial Board
Asia Cup 2025
English

Cricket: A false revenge

By Editorial Board
karnataka farmers protest
लेंस संपादकीय

शांतिपूर्ण आंदोलन की जीत

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?