नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भेंट कर छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विस्तार, नए प्रोजेक्ट्स की प्रगति और मौजूदा परियोजनाओं के शीघ्र पूर्ण होने पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने आग्रह किया कि राज्य में स्वीकृत सभी परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाया जाए। लेकिन मुख्यमंत्री ने उन रेलवे लाइनों पर कोई चर्चा नहीं की जिससे यात्री सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हो और जिन पर वह खुद भी पिछले वर्षों में चर्चा करते रहे हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनों का नितांत अभाव है। इसके अलावा रेलवे की उपेक्षा की वजह से यहां लाइनों का विस्तार अपेक्षाकृत कम है।
सीएम का कहना है कि राज्य में 47,447 करोड़ रुपये से अधिक की बड़ी परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। खरसिया-नवा रायपुर-परमालकसा, गेवरा-पेंड्रा, रावघाट-जगदलपुर, खरसिया-धरमजयगढ़ तथा बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन जैसी योजनाएं छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देंगी।
साथ ही अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग सहित 32 स्टेशनों का आधुनिक पुनर्विकास तीव्र गति से जारी है। लेखीक जानकारों का दावा इससे उलट है
क्या केवल खनिज परिवहन के लिए लाइन?
सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दरअसल यह सरकार अंग्रेजों की लाइन पर काम कर रही है। जहां खनिज हैं वहीं रेलवे लाइन बनाई जा रही है। अंग्रेजों ने विश्रामपुर तक लाइन बना दी क्योंकि वहां खनिज था लेकिन उसे अंबिकापुर तक नहीं ले गए नई सदी में यह लाइन पूरी हुई। यही हाल अंबिकापुर बरवाडीह का है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष जुलाई माह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं के बारे में रेल मंत्री से चर्चा की।
उस मुलाकात में उन्होंने छत्तीसगढ़ की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा नई लाइन परियोजना, अंबिकापुर- बरवाडीह नई लाइन परियोजना, खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा नई रेल लाइन परियोजना को लेकर चर्चा की थी। लेकिन, इस बार की मुलाकात में अंबिकापुर बरवाडीह और धर्मविजयगढ़ पत्थलगांव लोहरदगा पर चर्चा नहीं की गई।
अडानी को लाभ पहुंचाने का आरोप
सुदीप कहते हैं कि खरसिया से परमालकसा लाइन केवल इसलिए बनाई जा रही है कि उससे अडानी को लाभ मिल सके। अडानी के उस लाइन पर जीएमआर का पावर प्लांट सर दो सीमेंट फैक्ट्रियां खरीदी हैं। सुदीप कहते हैं कि गेवरा पेंड्रा भी कोयले की लाइन है। वह कहते हहै कि यहदुखद है कि कोहरे का पूर्वानुमान लगाकर भारतीय रेलवे सारनाथ एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन को तीन महीने पहले ही रोक देता है। छत्तीसगढ़ रेल सेवाओं के मामले में अभागा है।
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