Delhi Airport Flights Delay: 7 नवंबर शुक्रवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हजारों यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के सिस्टम में आई तकनीकी गड़बड़ी ने करीब 300 उड़ानों को प्रभावित किया। एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों से अपील की है कि अपनी फ्लाइट की स्थिति लगातार चेक करें।
ATC सिस्टम की खराबी में क्या हुआ, कैसे हुआ?
दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम से ही मुश्किलें शुरू हो गईं। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को फ्लाइटों के शेड्यूल की ऑटोमैटिक जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इसका कारण ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में आई खराबी बताई जा रही है। यह सिस्टम हवाई जहाजों के रूट,ऊंचाई, ईंधन, टेकऑफ-लैंडिंग के समय और मौसम अपडेट जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां रीयल-टाइम में पायलटों, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स तक पहुंचाता है। जब यह सिस्टम ठप हो गया, तो कंट्रोलर्स को पुराने डेटा के आधार पर हाथ से शेड्यूल तैयार करने पड़े।
इसका नतीजा ये हुआ कि कई उड़ानें एक घंटे या उससे ज्यादा लेट हो गईं। फ्लाइट ट्रैकिंग साइट Flightradar24 के आंकड़ों से पता चलता है कि गुरुवार को ही 513 फ्लाइटें प्रभावित हुई थीं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के अधिकारी तुरंत सुधार के लिए जुटे हुए हैं लेकिन यात्रियों को अभी इंतजार करना पड़ रहा है।
ATC को आसमान का ‘ट्रैफिक पुलिस’ कहा जाता है। यह जमीन पर खड़े विमानों से लेकर हवा में उड़ते जहाजों तक सबको निर्देश देता है। AMSS के बिना काम करना कंट्रोलर्स के लिए बोझ बढ़ा देता है, देरी तो होती ही है, साथ ही भीड़ और छोटी-मोटी गलतियों का खतरा भी मंडराने लगता है।
एयरलाइंस ने यात्रियों, अपडेट चेक करते रहने की अपील
इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी प्रमुख कंपनियों ने सोशल मीडिया और अपनी वेबसाइट पर एडवाइजरी जारी की। उन्होंने कहा कि ATC की समस्या से उड़ानों में देरी हो रही है इसलिए यात्री एयरपोर्ट ऐप या वेबसाइट पर स्टेटस देखें। AAI ने भी पुष्टि की कि तकनीकी टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।
GPS स्पूफिंग से फर्जी सिग्नल मिले, पायलट परेशान
इसके अलावा, दिल्ली के आसपास पिछले एक हफ्ते से GPS सिग्नल में फर्जी अलर्ट की शिकायतें आ रही हैं। इसे GPS स्पूफिंग कहते हैं – एक तरह का साइबर हमला, जहां नकली सिग्नल भेजकर नेविगेशन सिस्टम को भ्रमित किया जाता है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली से 100 किमी के दायरे में ऐसी 100 से ज्यादा घटनाएं दर्ज हुई हैं।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को सूचना दे दी गई है। स्पूफिंग आमतौर पर सीमा क्षेत्रों या युद्ध वाले इलाकों में होता है, लेकिन दिल्ली जैसे व्यस्त हवाई क्षेत्र में ये चिंता की बात है। फिलहाल जांच जारी है और हालात सामान्य करने की कोशिशें की जा रहीं है।

