रायपुर। मरीजों की सुरक्षा और औषधि गुणवत्ता को लेकर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने बड़ी कार्रवाई की है। निगम ने Metformin 500mg + Glimipride 2mg Sustained Release Tablet के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। यह दवा डायबिटीज मरीजों को दी जाती है।
CGMSC ने जिस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगाई है, उस दवा के उपयोग को लेकर डॉक्टरों ने सालभर पहले ही इनकार कर दिया था। जानकारी के अनुसार, इस दवा के उपयोग को लेकर डॉक्टरों ने लगभग एक साल पहले ही क्लिनिकल उपयोग से इनकार कर दिया था।

अब CGMSC ने इस पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगाते हुए राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को इसे मरीजों को देने से रोकने और गोदाम रायपुर में वापस भेजने के निर्देश दिए हैं।
सीजीएमएससी ने मुख्यालय के 31 अक्टूबर 2025 के संदर्भ में यह आदेश दिया है। इसका मतलब साफ है कि दवा के इस्तेमाल को लेकर उच्च स्तर पर शिकायत हुई है, जिसके बाद जांच कराई गई और यह अमानक पाई गई है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि किसी भी दवा की सप्लाई तब होती है जब उसकी OK रिपोर्ट हो। इस दवा की भी OK रिपोर्ट थी, जिसके बाद जांच में इसे अमानक पाया गया और दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई।
सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि दवा का बैच नंबर MGC-506, जिसका मैनुफैक्चर जुलाई 2024 से हो और जिसकी एक्सपायरी डेट जून 2026 है, को तत्काल इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है। यह दवा Healers Lab कंपनी बनाती है।
CGMSC ने स्पष्ट किया है कि यह कदम औषधि वितरण की सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण के मद्देनज़र उठाया गया है। स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि संबंधित दवा या सामग्री का उपयोग मरीजों के लिए तुरंत रोका जाए, और इसे गोदाम में लौटाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला अस्पतालों के सिविल सर्जन, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को यह आदेश दिया गया है।
सीजीएमएससी को लेकर लगातार शिकायतें मिलते रहती हैं। इससे पहले भी कई दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले भी पैरासिटामोल और सर्जिकल ब्लेड को भी डॉक्टरों ने मना किया था, इसके बाद भी महीनों तक उसकी सप्लाई होती रही।
दरअसल, सीजीएमएससी में खरीदी के कोई नियम नहीं है। न ही किसी तरह की व्यापार नीति है। इसकी वजह से खरीदी में गड़बड़ियां उजागर होती रहीं हैं।
यह भी पढ़ें : 500 करोड़ के रीएजेंट घोटाले वाले CGMSC में खरीदी और विभागीय जांच के नियम नहीं, व्यापार नीति का भी कुछ पता नहीं
					
