बिलासपुर। रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में एक गंभीर मामला सामने आया, जहां एक नवजात शिशु के पास ऐसा पोस्टर लगाया गया, जिसमें उसकी मां के HIV पॉजिटिव होने की जानकारी सार्वजनिक की गई। इस घटना को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने निजता के अधिकार का उल्लंघन और अमानवीय करार देते हुए पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
10 अक्टूबर को एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के आधार पर हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया। खबर के अनुसार रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती एक महिला के नवजात शिशु के पास नर्सरी में एक पोस्टर चस्पा किया गया था।
इस पोस्टर पर लिखा था कि बच्चे की मां HIV पॉजिटिव है। जब नवजात के पिता अपने बच्चे से मिलने पहुंचे, तो इस पोस्टर को देखकर वे भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।
हाई कोर्ट का सख्त रुख
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित सुनवाई की। कोर्ट ने इसे न केवल अनैतिक बल्कि मरीज की गोपनीयता के मौलिक अधिकार का हनन बताया। अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।

