नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों के लिए महत्वपूर्ण राहत है, एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि 100,000 अमेरिकी डॉलर का वार्षिक शुल्क नए एच-1बी वीजा याचिकाओं को लक्षित करता है, न कि मौजूदा धारकों या नवीनीकरण कराने वालों को।
एएनआई के अनुसार अधिकारी ने कहा है कि वर्तमान में एच-1बी वीजा धारक व्यक्तियों, जिनमें भारत या विदेश जाने वाले लोग भी शामिल हैं, को रविवार से पहले अमेरिका लौटने या 1 लाख डॉलर का भारी शुल्क अदा करने की आवश्यकता नहीं है।
अधिकारी ने एएनआई को बताया, “जो लोग देश की यात्रा पर आ रहे हैं या देश छोड़ रहे हैं, या भारत आ रहे हैं, उन्हें रविवार से पहले वापस आने या 1 लाख डॉलर का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। शुल्क केवल नए धारकों के लिए है, मौजुदा धारकों के लिए नहीं
भारतीयों पर सर्वाधिक असर
चूंकि 71-72 फीसदी एच-1बी वीजा भारतीयों को दिए जा रहे हैं, इसलिए इस कदम से भारतीय तकनीकी पेशेवरों और धन प्रेषण पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चिंताएं पैदा हो गई हैं।
भारत ने सभी मिशनों को दिए आदेश
सरकार ने अपने सभी मिशनों / केंद्रों को सलाह दी है कि वे अगले 24 घंटों में अमेरिका वापस जाने वाले भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें।
सरकार ने शनिवार को कहा कि एच-1बी वीजा आवेदनों पर 1 लाख अमेरिकी डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने के अमेरिकी निर्णय के पूर्ण प्रभाव का भारतीय उद्योग सहित सभी संबंधित पक्षों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है तथा इस उपाय से परिवारों के लिए उत्पन्न व्यवधान के रूप में मानवीय परिणाम होने की संभावना है।
उद्योग जगत में निराशा
अमेरिकी एच1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रतिबंधों के संबंध में एक बयान में विदेश मंत्रालय आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के उद्योग जगत में इस निर्णय को लेकर गहरी निराशा है।