नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से पूर्व भाजपा सांसद प्रदीप गांधी ने पिछले दिनों कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया की कार्यकारिणी सदस्यता चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। गांधी को 507 वोट मिले, जो सभी 14 प्रत्याशियों में सबसे अधिक हैं। इस जीत के बाद वो राजनांदगांव पहुंचे।
प्रदीप गांधी ने द लेंस के साथ बातचीत में कहा कि अब हम सांसदों के लिए ज्यादा तत्परता से काम कर पाएंगे उनके रचनात्मक और सामाजिक सहयोग में और योगदान दे सकेंगे। नहीं भूलना चाहिए कि प्रदीप गांधी की सांसदी नोट के बदले में सवाल पूछने के मामले में चली गई थी।
1947 में स्थापित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब की सदस्यता केवल वर्तमान और पूर्व सांसदों को मिलती है। प्रदीप गांधी के बाद नवीन जिंदल रहे, जिन्हें 501 वोट मिले। गांधी को लगभग 75 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिला, जो उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
उनके गृह नगर राजनांदगांव मेंएक अभिनंदन समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उन्हें ‘अपराजेय योद्धा’ की संज्ञा देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और सतत संपर्क बनाए रखना गांधी जी की सबसे बड़ी शक्ति है।
डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदीप गांधी ने जिला परिषद अध्यक्ष रहते हुए अल्पमत में भी कार्यकाल पूरा किया, विधायक रहते हुए अपनी डोंगरगांव विधानसभा सीट का मेरे लिए त्याग किया और सांसद रहते हुए संघर्षशीलता बनाए रखी। अब कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में भारी मतों से जीतकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि सतत गतिशील रहकर कार्य करने वाला व्यक्ति नये मुकाम हासिल करता है।
सांसद संतोष पांडे ने गांधी जी को बधाई देते हुए कहा कि कई बार संसद भवन में लोग उन्हें और प्रदीप गांधी को आपस में भ्रमित कर लेते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि दोनों की जोड़ी और पहचान कितनी मजबूत है। पद्मश्री पुखराज बाफना ने गांधी जी के
स्वभाव, संघर्ष और संगठनात्मक पकड़ को रेखांकित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
‘सबेरा संकेत’ के संपादक सुशील कोठारी ने कहा कि संघर्ष करते हुए पुनः अपनी पहचान स्थापित करना गांधी जी की विशेषता रही है और इस चुनाव में सर्वाधिक मत प्राप्त करना उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।
अपने संबोधन में प्रदीप गांधी ने कहा कि सांसदों और पूर्व सांसदों से मिला भरपूर समर्थन उनके लिए नई ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि कांस्टीट्यूशन क्लब को रचनात्मक ऊर्जा का केंद्र बनाया जाएगा और इसके माध्यम से नए प्रयोग भी होंगे। गांधी जी ने सभी समर्थकों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया।