नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
मुजफ्फरपुर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नहीं जीतेगी, अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए तो। उन्होंने मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने को ‘‘आतंकवाद से भी बदतर’’ बताया।
डीएमके अध्यक्ष अपनी बहन और पार्टी सांसद कनिमोझी के साथ पूर्वी राज्य पहुंचे, जहां वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, राजद के तेजस्वी यादव और सीपीआई (एमएल) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के साथ चल रही ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए।
उत्तर बिहार के सबसे बड़े शहर मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए स्टालिन ने तमिल में अपना भाषण दिया, जिसका हिंदी में अनुवाद होने पर भीड़ ने तालियां बजाईं।
स्टालिन ने आरोप लगाया, “पिछले एक महीने से पूरा देश बिहार पर उत्सुकता से नजर रख रहा है… चुनाव आयोग रिमोट कंट्रोल वाली कठपुतली बन गया है।” स्टालिन मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में निकाली गई यात्रा को मिली प्रतिक्रिया से प्रभावित थे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पूछा, “क्या 65 लाख लोगों के नाम हटाना आतंकवाद से भी बदतर नहीं है?” स्टालिन ने कहा कि जब राहुल गांधी ने अतीत में हुए चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह जताया था, तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उन्हें हलफनामा पेश करने की चुनौती दी थी।
डीएमके प्रमुख ने अपने गठबंधन सहयोगी की तारीफ़ करते हुए कहा, “लेकिन आप राहुल गांधी को डरा नहीं सकते। मैंने तेजस्वी के साथ राहुल की दोस्ती देखी है, जो साथ में मोटरसाइकिल चलाते हैं। यह दोस्ती आम राजनीतिक साझेदारी से कहीं ज़्यादा गहरी है। और मुझे पूरा यकीन है कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए, तो बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए हार जाएगा।”
स्टालिन ने कहा, “मैं आपसे वादा करता हूं कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद मैं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए फिर आऊंगा।”
उन्होंने कहा कि बिहार वह भूमि है जहां इस राष्ट्रव्यापी गठबंधन की नींव रखी गई थी और यह गठबंधन भाजपा की सीटों की संख्या को 240 तक लाने में सफल रहा, जो पिछले साल लोकसभा चुनावों में 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही थी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत अपने दिवंगत पिता के. करुणानिधि और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच घनिष्ठ मित्रता को याद करते हुए की।उन्होंने “सामाजिक न्याय के लिए अथक प्रयास करने और भाजपा से कभी नहीं डरने” के लिए लालू की सराहना की।