लेंस डेस्क। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने शुक्रवार को गजा में भुखमरी की स्थिति को आधिकारिक तौर पर अकाल घोषित कर दिया। UN की एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय लगभग 5 लाख लोग अकाल जैसी गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। यह पश्चिम एशिया में पहला मौका है जब UN ने किसी क्षेत्र को औपचारिक रूप से अकालग्रस्त बताया है। इजरायल ने इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए खारिज कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल-हमास के बीच 22 महीनों से चल रहा संघर्ष गजा को पूरी तरह बर्बाद कर चुका है। इससे 5 लाख से अधिक लोग भुखमरी, गरीबी और मृत्यु के कगार पर पहुंच गए हैं। अनुमान है कि सितंबर के अंत तक यह संकट गजा के देयर अल-बलाह और खान यूनिस तक फैल सकता है, जिसका असर वहां की दो-तिहाई आबादी पर होगा। संयुक्त राष्ट्र समर्थित इंट्रीग्रेटेड फूड सिक्यूरिटी फेज (IPC) पैनल की स्टडी के अनुसार, गाजा सिटी जो गाजा पट्टी का 20% हिस्सा है, वहां पहले ही IPC फेज-5 यानी अकाल की पुष्टि हो चुकी है।
IPC के मानकों के अनुसार किसी क्षेत्र को अकालग्रस्त घोषित करने के लिए कम से कम 20% आबादी को खाद्य संकट का सामना करना पड़ता है, हर तीन में से एक बच्चा गंभीर कुपोषण का शिकार होता है, और हर 10,000 लोगों में से दो की रोजाना भुखमरी या उससे जुड़ी बीमारियों से मौत होती है। अगर ये शर्तें पूरी नहीं भी होतीं, तब भी IPC यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि लोग अकाल जैसी स्थिति यानी “भुखमरी, अभाव और मृत्यु” से जूझ रहे हैं।
मार्च 2025 में इजरायल ने गजा में खाद्य आपूर्ति पूरी तरह रोक दी थी। मई में कुछ राहत मिली, लेकिन तब तक स्थिति बेकाबू हो चुकी थी। रिपोर्ट के मुताबिक गजा का 98% कृषि क्षेत्र या तो नष्ट हो चुका है या वहां पहुंचना असंभव है। पशुधन खत्म हो गया है और मछली पकड़ने पर भी प्रतिबंध है। इसका मतलब है कि गाजा में स्थानीय खाद्य प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई है।
जेनेवा में UN सहायता प्रमुख टॉम फ्लेचर ने कहा, “यह अकाल हमें हमेशा परेशान करेगा। इसे रोका जा सकता था, लेकिन हमें रोका गया। सीमा पर अनाज और आपूर्ति अटकी हुई है, सिर्फ इसलिए क्योंकि इजरायल ने जानबूझकर रुकावटें डालीं।” उन्होंने इसे मानव निर्मित आपदा करार देते हुए इसे मानवता के लिए शर्मिंदगी बताया।
इजरायल ने कहा आंकड़े अधूरे
इजरायल ने इस रिपोर्ट को “गलत और पक्षपातपूर्ण” करार देते हुए खारिज कर दिया। गाजा में सहायता की निगरानी करने वाले इजरायली सैन्य संगठन ने दावा किया कि IPC ने “हमास से मिले अधूरे आंकड़ों” पर भरोसा किया।
UN के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने शुक्रवार को कहा कि गजा में अकाल इजरायल की नीतियों का सीधा परिणाम है। उन्होंने चेतावनी दी कि भुखमरी से होने वाली मौतें युद्ध अपराध के समान हो सकती हैं।
यह निष्कर्ष ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कई यूरोपीय देशों की चेतावनियों के बाद आया है, जिन्होंने कहा था कि इजरायल-हमास युद्ध के लगभग दो साल बाद गाजा में मानवीय संकट “अकल्पनीय” स्तर पर पहुंच गया है।