नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली। रुपया 88 के करीब पहुंच गया। मंगलवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 87.95 पर खुला, जिसमें पिछले बंद भाव से 29 पैसे की गिरावट रही। रुपये में यह गिरावट छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट है।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, रुपया दबाव में है और इस सप्ताह भी दबाव झेल सकता है। इसका कारण अमेरिका द्वारा भारत पर रूसी तेल की खरीद जारी रखने के लिए ऊंचे शुल्क लगाने की चेतावनी है।
सोमवार, 4 अगस्त को रुपया 87.66 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत दिखाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत चढ़कर 98.81 पर पहुंच गया। घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 200.40 अंकों की गिरावट के साथ 80,818.32 पर और निफ्टी 58.90 अंकों की कमी के साथ 24,663.80 पर कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत को चेतावनी दी थी कि रूस से तेल खरीदने के कारण वह भारत पर भारी शुल्क वृद्धि करेंगे। ट्रंप ने भारत पर रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीदकर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया। जवाब में भारत ने सोमवार को अमेरिका और यूरोपीय संघ पर कड़ा प्रति-आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन संकट के बाद रूस से तेल आयात के लिए भारत को अनुचित रूप से निशाना बनाया गया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पारंपरिक तेल आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी, जिसके बाद भारत ने रूस से आयात शुरू किया।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए भारत के इस कदम को प्रोत्साहित किया था। भारत का कहना है कि रूस से तेल आयात का मकसद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा की कीमतों को सस्ता और स्थिर रखना है।