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मणिपुर में भीषण बाढ़, 30 नागरिकों, सैकड़ों पशुओं की मौत, 3275 गांव प्रभावित

Lens News
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ByLens News
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Published: June 1, 2025 11:32 PM
Last updated: June 3, 2025 3:26 PM
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heavy rain in Northeast
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इम्फाल। 31 मई की रात से शुरू हुई बारिश के कारण मणिपुर में आई भीषण बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं और 30 मौतों की खबर आ रही है। इस बाढ़ में कम से कम 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सिर्फ 24 घंटों के भीतर, बाढ़ ने 3,275 गांवों और इलाकों को प्रभावित किया, सबसे ज्यादा नुकसान इम्फाल पूर्वी जिले को हुआ है। बाढ़ का पानी कई इलाकों में अपने साथ जंगल की लकड़ियां भी लेकर आ रहा है। माना जा रहा है कि जंगलों की कटाई की वजह से बाढ़ की स्थिति भयावह हुई है।

खबर में खास
एनडीआरएफ समेत सेनाओं का संयुक्त बचाव अभियानमदद के लिए नंबर जारीजन जीवन अस्त व्यस्त

इम्फाल से पत्रकार अरविंद मैती ने द लेंस को बताया कि इम्फाल और इरिल सहित कई नदियों ने खुरई, हेइंगंग, चेकन और वांगखेई जैसे क्षेत्रों में तटबंधों को तोड़ दिया, जिससे राज्य की राजधानी और आसपास के इलाकों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए। इम्फाल पश्चिम जिले में नंबुल नदी भी आज उफान पर आ गई, जिससे उरीपोक और सैमुसांग में बाढ़ आ गई।

नगरम में, पूरे दिन बारिश जारी रहने के कारण बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने लगा। नदी के किनारे रहने वाले स्थानीय लोग तटबंधों को मजबूत करने और आगे के टूटने को रोकने के लिए सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं। 720 से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, अधिकारियों ने राज्य भर में भूस्खलन की बारह घटनाओं की पुष्टि की है।

इस आपदा में सैकड़ों पशुओं की मौत की खबर है। 11 स्थानों पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की खबर है, जबकि हजारों एकड़ में फैले धान के खेत तबाह हो गए। बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं।

एनडीआरएफ समेत सेनाओं का संयुक्त बचाव अभियान

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, असम राइफल्स, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, अग्निशमन सेवा और बचाव नाव दल के कर्मी संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं। अलग-थलग और जलमग्न क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर और नावों का उपयोग किया जा रहा है। विस्थापित परिवारों की सहायता के लिए, राज्य सरकार ने छह राहत शिविर और दो चिकित्सा राहत इकाइयां खोली हैं।

भोजन, पेयजल और स्वच्छता किट सहित आवश्यक आपूर्ति प्रभावित क्षेत्रों में वितरित की जा रही है। भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है, इसलिए आपातकालीन तटबंधों की मरम्मत और निकासी की योजनाएं चल रही हैं।

गृह विभाग, पुलिस और राहत और आपदा प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों वाली एक उच्च-स्तरीय सरकारी टीम ने 31 मई को इम्फाल पूर्व में हवाई सर्वेक्षण किया। टीम ने नुकसान की सीमा का आकलन किया और बाढ़ से तबाह इलाकों में तत्काल जरूरतों की पहचान की। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने मुख्य सचिव पीके सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ कंगला नोंगपोक थोंग, लैरीकेंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज का दौरा किया और अधिकारियों को सतर्क रहने और तत्काल निवारक उपाय करने के निर्देश दिए।

मदद के लिए नंबर जारी

बाढ़ ने ऑल इंडिया रेडियो इम्फाल और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान सहित प्रमुख संस्थानों के संचालन को भी बाधित किया है। जहां रविवार सुबह तक कुछ इलाकों में जल स्तर कम होना शुरू हो गया, वहीं कई इलाके गंभीर रूप से प्रभावित हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने और सरकारी सलाह का पालन करने की सलाह दी गई है।

एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष सक्रिय है और लोग सहायता के लिए 0385-2451550 पर संपर्क कर सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि सभी सरकारी विभाग स्वच्छ पेयजल, सफाई, स्वास्थ्य सेवा और आश्रय जैसी आवश्यक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए शीघ्र राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं।

जन जीवन अस्त व्यस्त

पूर्वोत्तर राज्यों में समय से पहले पहुंचा मानसून तबाही ने लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। अब तक दो दिनों में 32 लोगों की मौत हो गयी। असम में 16, अरुणाचल में 9, मिजोरम में 4 और मेघालय में 3 लोगों की जान गई है। मणिपुर में पिछले 48 घंटे में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घरों को नुकसान पहुंचा, यहां शहरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है, सड़कों पर लाइफ बोट उतारनी पड़ी हैं। हिमाचल प्रदेश में दो दिन के लिए आंधी-बारिश और तूफान का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

श्रीनगर-लेह हाईवे पर रविवार को हिमस्खलन (एवलॉन्च) आया। पहाड़ों का मलबा सड़क पर जमा हो जाने की वजह से यह रास्ता बंद हो गया है। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शनिवार दोपहर मौसम बदला। यहां 76 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज आंधी चली। इसके कारण धूल की चादर पूरे दिल्ली-एनसीआर पर छा गयी। इसके बाद कुछ देर बाद ही तेज आंधी शुरू हो गयी।

इसी तरह केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भी भारी बारिश हुई। झारखंड, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हुई।जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश हुई।

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