रायपुर। CGMSC घोटाला मामले में जेल में बंद मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा और उनके करीबियों पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) का एक्शन शुरू हो गया है। पिछले दिनों बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED के छापे के बाद एजेंसी ने शशांक और उनसे जुड़े लोगों की करीब 40 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की है। ईडी ने शशांक, उनके परिजनों और उनकी व्यवसायिक संस्थाओं पर 30 और 31 जुलाई को छापा मारा था। उस छापे की कार्रवाई में ईडी ने 2 लग्जरी कार जब्त की है। इसके अलावा बैंक खातों में बाकी राशि फिक्स्ड डिपॉजिट और डिमैट खातों में शेयर की राशि को फ्रीज कर दिया है।
ईडी ने सीजीएमएससी घोटाले से शशांक और उससे जुड़े अन्य सहयोगियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ अधिकारियों के घरों और दफ्तरों सहित करीब 20 ठिकानों में छापा मारा था।
छापेमारी के 5 दिन बाद ईडी ने अपने सोशल मीडिया एक्स से इस छापेमारी की सूचना पोस्ट की। इसमें दो लग्जरी कार की फोटो भी शेयर की है, जिसे जब्त किया गया है। ईडी ने बताया कि दो दिन की कार्रवाई में उन्हें संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज और अपराध से की गई कमाई से खरीदी गई प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। क्राइम की कमाई से संबंधित संपत्तियों के प्रमाण मिले हैं।
इस मेडिकल घोटाले की राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने जांच की थी। उसी जांच में बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा हुआ, जिसके बाद ईडी की एंट्री हुई है। ईडी अब मोक्षित कॉर्पोरेशन का सारा रिकॉर्ड खंगाल रही है। कुछ दिनों पहले ही ईडी ने मोक्षित कॉर्पोरेशन से संबंधित सारे दस्तावेज ईओडब्ल्यू से हासिल किए थे। उन दस्तावेजों की गहन जांच कर ईडी को बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है, जिसके बाद ईडी ने जांच शुरू की और बुधवार को दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन के सभी ठिकानों पर दबिश दी।
दरअसल, EOW की जांच उन तीन टेंडर से जुड़ा था, जिसमें करीब 650 करोड़ रुपए के रीएजेंट खरीदे गए थे। इस खरीदी में कई रीएजेंट एमआरपी से कई गुना दाम पर खरीदे गए थे। इसमें 9 रुपए वाली ईडीटीए ट्यूब 23 सौ रुपए में खरीदे गए। इसी तरह 66 रुपए प्रति दर्जन वाला यूरिन बॉक्स साढ़े 23 हजार में खरीदा गया।
यह भी पढ़ें : रीएजेंट खरीदी घोटाले वाली मोक्षित कॉर्पोरेशन अब ED की राडार में