द लेंस डेस्क। अमेरिकी के ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले के विरोध में अमेरिका और दुनिया के कई शहरों में लोग सड़कों पर उतरे। ईरान ने इसे युद्ध की कार्रवाई बताया, जिसे ईरान-इज़राइल तनाव में बड़ा कदम माना जा रहा है।
जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शनकारी इस हमले की निंदा करते दिखे। अमेरिका के कई शहरों में रविवार को युद्ध-विरोधी प्रदर्शन हुए, जहां “ईरान से दूर रहो” और “अमेरिका-इज़राइल का ईरान पर युद्ध नहीं” जैसे नारे लगे।
न्यूयार्क और वाशिंगटन डीसी में भी अमेरिकी फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। एक्स पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी युद्ध-विरोधी नारे लगाते और ट्रम्प प्रशासन से इज़राइल का समर्थन बंद करने की मांग करते दिखे।
व्हाइट हाउस के बाहर ईरानी झंडे लहराए गए और समाजवादी नारे लिखे बैनर दिखे। ट्रम्प समर्थक लॉरा लूमर ने प्रदर्शन का वीडियो शेयर कर इसे “ट्रम्प-विरोधी, ईरान-समर्थक” बताया और दावा किया कि यह जॉर्ज सोरोस और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े समूहों ने आयोजित किया।
न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन डीसी में भारी भीड़ ने युद्ध और ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के कराची में रविवार को लोग अमेरिका और इज़राइल के खिलाफ सड़कों पर उतरे। नेताओं ने कहा कि यह संघर्ष अब सिर्फ फिलिस्तीन-ईरान बनाम इज़राइल-अमेरिका नहीं, बल्कि “मानवता बनाम अत्याचार” की लड़ाई है।
भारत के ग्वालियर में आज अमेरिका के इस हमले के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। जर्मनी के बर्लिन में सैकड़ों लोग इज़राइल की आक्रामकता और बढ़ते तनाव को रोकने की मांग लेकर सड़कों पर उतरे।