The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस संपादकीय
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस संपादकीय
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
मोदी के गढ़ में आप के गोपाल इटालिया कैसे जीते?
छत्तीसगढ़ की राजधानी में सूटकेस में मिली लाश, पेटी में सीमेंट भरकर सूनसान जगह पर छोड़ा
शिलान्यास के पत्थर पर नाम, लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष को शिकायत – ‘मंच पर नहीं बुलाया’
इजरायल-ईरान तनाव से लुढ़का भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स में 511 अंकों की गिरावट
छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम का नेता प्रतिपक्ष पर हमला, बोले- CM पर बोलने से क्यों बचते हैं महंत
अमेरिका में प्रदर्शन, नारे लगे, ‘ईरान से दूर रहो’
ट्रेंड में दूसरा पासपोर्ट, टैक्स बचाने के लिए क्या भारतीय अब ले रहे विदेशी नागरिकता ?
आपातकाल : राजशक्ति और जनशक्ति के तनाव से उभरा लोकतंत्र
छत्तीसगढ़ पहुंचे सचिन पायलट, बोले- दिल्ली से चल रही सरकार, बैठक कर मानसून सत्र की रणनीति बनाएंगे
4 राज्यों में 5 विस ​​उपचुनाव के नतीजे:  गुजरात की एक सीट आप के खाते में दूसरे पर बीजेपी, नीलांबुर में कांग्रेस
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • लेंस संपादकीय
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस संपादकीय
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस संपादकीय
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.

Home » आपातकाल : राजशक्ति और जनशक्ति के तनाव से उभरा लोकतंत्र

सरोकार

आपातकाल : राजशक्ति और जनशक्ति के तनाव से उभरा लोकतंत्र

Editorial Board
Last updated: June 23, 2025 2:01 pm
Editorial Board
Share
Emergency in India
SHARE
चंचल, राजनीतिक विश्लेषक, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष

पचास साल पहले 25 जून, 1975 की रात देश में आपातकाल लगा। दो साल रहा । यह इतिहास है । इतिहास इस आपातकाल का सरलीकरण करके इसका जो निचोड़ बताता है , वह बहुत दिलचस्प है। “ भारत की वह पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली है, जिसने इतिहास के इस काल खंड को – सुन कर या देख कर नहीं जाना, बल्कि उसे जिया है ।”

इस नतीजे तक आने लिए इतिहास ने आपातकाल के इस कालखंड को जिस तार्किक तथ्यों को उभारा है, उसे समझना होगा- “ लोकतंत्र वाहिद एक तंत्र है, जो राजशक्ति और जनशक्ति के तनाव पर डालता फूलता है , अगर जनशक्ति राजशक्ति को दबा कर मजबूत होगी तो अराजकता आएगी और अगर राजशक्ति जनशक्ति को दबा कर सत्ता चलाती है तो तानाशाही आएगी ।

भारत के लोकतंत्र ने इन दोनों शक्तियों के उभार को एक साथ देखा है । 73 से 75 तक जनशक्ति के उफान का काल है, जिसे जेपी आंदोलन के नाम से जाना जाता है। जिसके प्रतीक हैं , महान समाजवादी , स्वतंत्रता सेनानी जय प्रकाश नारायण। तो 75 से 77 तक राजशक्ति के दबदबे का काल जिसे आपातकाल कहते हैं, जिसकी प्रतीक हैं तात्कालिन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी।

भारतीय लोकतंत्र में प्रयोग किए गए जनशक्ति और राजशक्ति के तनाव का अंत दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में नहीं मिलेगा, जब जनशक्ति और राजशक्ति दोनों एक दूसरे के सामने खड़े होकर प्रायश्चित की मुद्रा में अपने अपने “ अति “ को स्वीकारते हैं और लोकतंत्र को आगे ले चलने का संकल्प लेते हैं । दोनो शक्तियों के मिलनबिंदु देखने वाली पीढ़ी आज जिंदा है । क्या गजब का मंजर रहा होगा उसे देखिए – 25 जून, 75 को देश में आपातकाल लगा , दो साल बाद 77 में आपातकाल हटा और चुनाव की घोषणा हुई ।

आपातकाल लगाने वाली श्रीमती इंदिरा गांधी की कांग्रेस चुनाव में पराजित हो गई । उसकी जगह नई सरकार बनी, जिसे जनता सरकार के नाम से जाना गया । देश में हुए आम चुनाव के बाद जनता सांसदों को राजघाट पर इकट्ठा किया गया और उन्हें लोकतंत्र और संविधान की शपथ दिलायी जा रही थी , ठीक उसी समय जय प्रकाश नारायण अपने विश्वासी कुमार प्रशांत के साथ श्रीमती इंदिरा गांधी के आवास पर पहुंचे । दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे , दोनों की आंखें नम हो गईं। श्रीमती गांधी आगे बढ़ कर के जेपी के कंधे पर अपना सर रख दिया । दोनों रो रहे थे । श्रीमती गांधी ने इतना भर कहा –

  • अब क्या होगा ?
    जेपी ने श्रीमती गांधी के सर पर हाथ रखा
  • सब ठीक होगा इंदु !

इतिहास दोनों की नम आंखों का आकलन कर रहा है – दोनों शक्तियां पराजित हुईं जिंदा हुआ, तो बस लोकतंत्र । दोनों लोकतंत्र और समाजवाद के वाहक हैं।

TAGGED:Emergency in Indiaindra gandhiJPLatest_News
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Sachin Pilot छत्तीसगढ़ पहुंचे सचिन पायलट, बोले- दिल्ली से चल रही सरकार, बैठक कर मानसून सत्र की रणनीति बनाएंगे
Next Article Second passport ट्रेंड में दूसरा पासपोर्ट, टैक्स बचाने के लिए क्या भारतीय अब ले रहे विदेशी नागरिकता ?

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

अग्निवीर भर्ती परीक्षा 30 जून से 10 जुलाई तक, छत्तीसगढ़ में बनाए गए 5 केंद्र, चार शिफ्टों में होंगी ऑनलाइन परीक्षा

रायपुर। भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए इंट्रेंस एग्जाम की तारीख घोषित कर दी…

By Nitin Mishra

बस्तर में शांति की राह

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर कर्रेगुटा की पहाड़ियों में बीते 72 घंटे से भी…

By Editorial Board

बिलासपुर में संयुक्त मोर्चा ने धार्मिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ किया प्रदर्शन

बिलासपुर। बिलासपुर में संयुक्त मोर्चा ने बुधवार को धार्मिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ जमकर…

By Lens News

You Might Also Like

mann ki baat
देश

मन की बात: ऑपरेशन सिंदूर से लेकर वोकल फॉर लोकल तक पीएम की बड़ी बातें 

By The Lens Desk
Operation sindoor
देश

पाकिस्तान के इन 9 ठिकानों पर फल-फूल रहा था आतंक

By Poonam Ritu Sen
Landslide in Sikkim
देश

सिक्किम में भूस्खलन : सेना के तीन जवान शहीद, छह लापता

By Editorial Board
Sonam Raghuvanshi
अन्‍य राज्‍य

शिलांग से लापता सोनम गाजीपुर में ढाबे में मिली, पति राजा की हत्या का आरोप, पिता बोले – बेटी बेगुनाह, हिरासत में 4 संदिग्ध

By The Lens Desk
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?