रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने केके श्रीवास्तव को रविवार तड़के भोपाल से हिरासत में लिया है। भोपाल के एमराल्ड होटल से श्रीवास्तव को EOW और रायपुर पुलिस की एक टीम ने पकड़ा है। टीम का नेतृत्व EOW कर रही थी। ब्यूरो में दर्ज शराब घोटाला, कोल लेवी घोटाला और अन्य मामलों में वांटेड था। रायपुर पुलिस के बाद ब्यूरो की टीम भी कई दिनों से उसके पीछे पड़ी थी, जिसके बाद भोपाल में उसे पकड़ा गया है। केके श्रीवास्तव के खिलाफ रायपुर के तेलीबांधा थाने में भी करीब 10 महीने पहले ठगी की एफआईआर दर्ज हुई थी। तब से ही केके श्रीवास्तव फरार था।
केके श्रीवास्तव पर स्मार्ट सिटी के नाम पर टेंडर दिलाने के नाम पर करोंड़ो रूपए की ठगी करने का आरोप है। पिछले एक साल से केके श्रीवास्तव फरार चल रहा था। केके श्रीवास्तव को भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है। तेलीबांधा थाना में केके श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। श्रीवास्तव को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम रायपुर के लिए रवाना हो गई है और देर रात रायपुर पहुंचेगी।
केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उसने भूपेश बघेल की सरकार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने के नाम पर दिल्ली की रावत एसोसिएट्स कंपनी से 15 करोड़ की ठगी की। रावत एसोसिएट्स के मालिक ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि श्रीवास्तव ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर कंपनी से 7 अलग-अलग बैंक खातों में 15 करोड़ रुपये जमा करवाए। रावत एसोसिएट्स कंपनी हाइवे कंस्ट्रक्शन और सरकारी ठेके निर्माण से जुड़ी काम करती है।
केके श्रीवास्तव की मुलाकात कंपनी के डायरेक्टर से 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन के माध्यम से हुई थी। श्रीवास्तव ने खुद को भूपेश बघेल का करीबी बताते हुए ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये लिए, लेकिन काम नहीं दिलाया। पिछले एक साल से फरार श्रीवास्तव पुलिस और जांच एजेंसियों को चकमा देता आ रहा था। वह अपने फोन और लोकेशन को बदलता रहता था और देश के विभिन्न हिस्सों में रहकर छिपा था।
ईडी ने भी के.के. श्रीवास्तव के खिलाफ PMLA के तहत जांच शुरू की है। श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने एक ठेके का आश्वासन देकर 15 करोड़ रुपये की ठगी की, साथ ही दिल्ली-मुंबई में फर्जी खातों के जरिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेनदेन किया। इतनी बड़ी रकम के ट्रांजेक्शन के संबंध में दावा किया जा रहा है कि भूपेश बघेल सरकार के दौर पर हुए घोटालों की ही यह रकम है।
फिलहाल केके श्रीवास्तव के खिलाफ अभी सिर्फ रायपुर पुलिस ने ही एफआईआर दर्ज की है। बाकी ईओडब्ल्यू अन्य मामलों की जांच कर रही है। ब्यूरो की जांच में यह खुलासा हुआ है कि श्रीवास्तव ने तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक जारी किए थे, जिन्हें स्टॉप पेमेंट के कारण रद्द कर दिया गया। इसके अलावा, श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी के दस्तावेज तैयार करने के भी आरोप हैं। जिनमें छत्तीसगढ़ सरकार और ग्लोमैक्स इंडिया के नाम से फर्जी एग्रीमेंट शामिल थे।
केके श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद इस ठगी से जुड़े मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। EOW सोमवार को केके श्रीवास्तव को स्पेशल कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग कर सकती है। रिमांड मिलने के बाद श्रीवास्तव से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।