आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के विधानसभा क्षेत्र कप्पम के नारायणपुरम गांव में एक महिला को पेड़ से बांध कर अपमानित करने और पीटने की घटना शर्मसार कर देने वाली है। मुख्यमंत्री नायडु के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन यह सवाल ही अपने आपमें बड़ा है कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आई कि एक महिला को महज 80 हजार रुपये के कर्ज को लेकर मध्ययुगीन यातनाएं दी गईं? सिरीशा नामक इस महिला के पति ने गांव के एक व्यक्ति से दो साल पहले यह कर्ज लिया था और पता चला है कि वह धीरे धीरे कुछ पैसे देकर कर्ज चुका भी रहा था, लेकिन कुछ समय पहले वह अचानक कहीं चला गया। पता चला कि थोड़े दिनों बाद सिरीशा भी अपने बच्चों को लेकर बंगलुरू चली गई थी और अभी बच्चों के स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने आई थी। इस घटना ने आंध्र ही नहीं, बल्कि देश के बड़े हिस्से में छोटे छोटे कर्ज लेने को मजबूर लाखों लोगों के दर्द को सामने ला दिया है, जिनके पास परिचितों और सूदखोरों से कर्ज लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता। यह संभव है कि सिरीशा के पति की कर्ज के मामले में साख ठीक न हो, लेकिन इसी देश का दूसरा चेहरा यह भी है कि सरकार लाखों करोड़ रुपये के कॉरपोरेट कर्ज माफ कर देती है। दरअसल यह घटना दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था की एक केस स्टडी की तरह भी है कि आखिर जनधन और पीएम कल्याण जैसी योजनाएं कहां दम तोड़ दे रही हैं कि एक दंपत्ति दो साल तक 80 हजार रुपये का कर्ज नहीं चुका सकी!
Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!
Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
Popular Posts
बोरेबासी दिवस की एक थाली 32 रुपए की, लेकिन प्रति व्यक्ति खर्च था 17 सौ रुपए !
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरेबासी तिहार…
By
नितिन मिश्रा
NIA is unfit for investigating terror cases
The Malegaon blast case has been decided by the trial court today and acquitted all…
एनएमडीसी के दरवाजों पर जायज नारे
बस्तर में गुरुवार को नारों की गूंज सुनाई दी। ये नारे नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन–एनएमडीसी…