नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ओखला के बाटला हाउस इलाके में 11 संपत्तियों के प्रस्तावित विध्वंस पर अंतरिम रोक लगा दी। इन संपत्तियों में रहने वालों ने दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी है। यह नोटिस डीडीए द्वारा 24 और 26 मई को जारी की गई थी।
न्यायमूर्ति तेजस करिया की एकल पीठ ने शुक्रवार को प्रस्तावित ध्वस्तीकरण पर अगली तारीख तक अंतरिम रोक लगा दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले को रोस्टर बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए 10 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट से वापस लेनी होगी याचिका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बटला हाउस क्षेत्र में डीडीए के तोड़फोड़ के नोटिस पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की, बशर्ते याचिकाकर्ता सर्वोच्च न्यायालय से अपना आवेदन वापस लेने के लिए हलफनामा दाखिल करें।
मोहम्मद तमसील कुद्दुसी और 10 अन्य निवासियों ने वकील फहाद खान के माध्यम से एक याचिका दायर की है।नहीं आती हैं। कदीमुल फराज और नस्सू अहमद की दो संपत्तियां खसरा संख्या 279 में आती हैं, लेकिन पीएम उदय योजना के तहत पात्र हैं।
बिना नोटिस गिराए जा रहे थे घर
बताया गया है कि 9 संपत्तियां खसरा संख्या 279 में यह भी कहा गया कि डीडीए द्वारा याचिकाकर्ताओं के परिसरों पर नोटिस चिपकाने से पहले उन्हें सुनवाई या निवारण का अवसर नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता बदरुद्दीन को नोटिस भी नहीं मिला है। उन्हें डीडीए अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से बताया कि उनकी संपत्ति भी ध्वस्त कर दी जाएगी