द लेंस डेस्क| मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के खालवा क्षेत्र में एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ हुई सामूहिक बलात्कार ( GANG RAPE )और हत्या की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस जघन्य अपराध ने 2012 के दिल्ली निर्भया कांड की भयावह यादें ताजा कर दी हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई क्रूरता की हदें इंसानियत को शर्मसार करने वाली हैं। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन स्थानीय समुदाय और विपक्षी दलों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
कब हुई वारदात
यह दिल दहलाने वाली घटना 23 मई 2025 की रात को खालवा तहसील के रोशनी पुलिस चौकी क्षेत्र में हुई। पीड़िता दो बच्चों की मां थी और कोरकू आदिवासी समुदाय से थी और एक शादी समारोह में शामिल होने गई थी। पुलिस के अनुसार वह अपने परिचित हरि पालवी (40) के साथ थी। समारोह के बाद एक अन्य महिला को उसके घर छोड़ने गई और फिर हरि के घर पहुंची जहां दूसरा आरोपी सुनील धुर्वे (35) भी आ गया। दोनों आरोपियों ने शराब के नशे में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया। इसके बाद उन्होंने ऐसी बर्बरता की कि महिला की छोटी आंत (लगभग 176 सेमी) उसके गुप्तांग से बाहर निकल आई। गुप्तांगों पर गंभीर चोटें और बहुत मात्रा में खून बह जाने के कारण शनिवार 24 मई को दोपहर करीब 2:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई।
पोस्टमार्टम की भयावह सच्चाई
रविवार, 25 मई को खंडवा जिला अस्पताल में फोरेंसिक विशेषज्ञों की निगरानी में पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट ने इस अपराध की क्रूरता को और उजागर किया। फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सीमा सूटे ने मीडिया को बताया, “महिला के गुप्तांग से 176 सेमी से अधिक आंत बाहर निकली थी। गुप्तांगों पर गंभीर चोटें थीं, जो संभवतः किसी भारी वस्तु या शारीरिक हमले से हुईं।” कुछ सूत्रों ने दावा किया कि आरोपियों ने कोई नुकीली वस्तु या सरिया इस्तेमाल किया, हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की। मृत्यु का कारण अत्यधिक रक्तस्राव और सदमा बताया गया। डॉ. सूटे ने कहा कि ऐसी दरिंदगी उन्होंने अपने करियर में पहले कभी नहीं देखी।
पुलिस की कार्रवाई
खंडवा पुलिस ने दोनों आरोपियों, हरि और सुनील को गिरफ्तार कर लिया है और भारतीय न्याय संहिता की धारा 66 (मृत्यु का कारण), 70(1) (सामूहिक बलात्कार), और 103(1) (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश रघुवंशी ने बताया कि आरोपियों को मंगलवार तक रिमांड पर लिया गया है और घटनास्थल से खून से सनी चारपाई और बेड रोल बरामद करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पुलिस ने बर्बरता के विवरण, जैसे गुप्तांगों की चोट और आंतों के बाहर निकलने पर चुप्पी साध रखी है जिससे कई सवाल उठ रहे हैं।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने आदिवासी समुदाय और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश पैदा किया है। कोरकू आदिवासी समाज सुधार संगठन ने 48 घंटे में सख्त कार्रवाई न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे “जंगलराज” करार देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव से जवाबदेही और फास्ट-ट्रैक कोर्ट के गठन की मांग की है। कांग्रेस ने तीन सदस्यीय जांच दल बनाया है जिसमें शोभा ओझा, विजयलक्ष्मी साधौ, और झूमा सोलंकी शामिल हैं, ये दल पीड़िता के परिवार से मिलकर रिपोर्ट तैयार करेगा। कांग्रेस नेता विक्रांत भूरिया और जीतू पटवारी ने भी बीजेपी सरकार पर महिला सुरक्षा में नाकामी का आरोप लगाया है।