रायपुर। साहित्य और कला प्रमियों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है। पांच दिन चलने वाला राष्ट्रीय मुक्तिबोध नाट्य समारोह 12 नवंबर से रायपुर शहर के रंग मंदिर में शुरू होगा और 16 नवंबर तक जारी रहेगा। इस आयोजन में नाटकों के मंचन के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध समकालीन चित्रकार अवधेश बाजपेयी की कृतियों की खास प्रदर्शनी भी सजाई जाएगी जो दर्शकों को कला की विशेष दुनिया से परिचित कराएगी।

अवधेश बाजपेयी की रचनाएं देश विदेश की कला दीर्घाओं के साथ शांति निकेतन भारत भवन और अन्य प्रमुख कला केंद्रों में प्रदर्शित हो रही हैं। वे अपनी कलाकृतियों में मुक्तिबोध हरिशंकर परसाई नागार्जुन जैसे प्रमुख कवियों और लेखकों को मुख्य स्थान देते हैं। परसाई की जन्म शताब्दी पर उनकी चित्रों से प्रेरित कैलेंडर ने काफी ध्यान खींचा था।
उनके चित्रों में वैज्ञानिक विचारों का मिश्रण नजर आता है खासकर डाटिज्म शैली जो बिंदुओं आकृतियों और अणुओं से प्रभावित है। उनकी कृतियां मनुष्य की चेतना को संवेदनशील बनाने की कोशिश करती हैं जिसमें भीतरी अनुभव चेतना और भावनाएं प्रमुखता से सामने आती हैं।

चार दशकों से ज्यादा समय से चित्रकला में सक्रिय अवधेश बाजपेयी की यह प्रदर्शनी रायपुर के लोगों के लिए एक अनोखा मौका होगी। 12 नवंबर से शुरू होने वाली इस प्रदर्शनी में कला के दीवाने उनके कार्यों की सूक्ष्मताओं को निकट से देख सकेंगे। आयोजकों के अनुसार नाट्य समारोह और कला प्रदर्शनी का यह मेल साहित्य नाटक और चित्रकला के बीच एक विशेष पुल बनाएगा।
इस समारोह में पूरे देश से नाट्य दल हिस्सा लेंगे और मुक्तिबोध की रचनाओं पर आधारित प्रस्तुतियां होंगी। कला और साहित्य के इस बड़े मेला में शामिल होने के लिए शहर के लोगों में काफी उत्सुकता दिख रही है।

