रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादी संगठन के 12 ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छापेमारी की है। एनआईए ने शुक्रवार को सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में 12 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी उस 2023 के आईईडी ब्लास्ट और घातक हमले से जुड़ा है, जिसे माओवादी संगठन ने अंजाम दिया गया था।
26 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा के अरनपुर इलाके में IED ब्लास्ट और एंबुश अटैक में पुलिस बल को भारी नुकसान हुआ था।
इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे। बाद में NIA ने मामला अपने हाथ में लिया था।
इस हमले में CPI माओवादी संगठन के दरभा डिवीजन कमेटी के नक्सलियों की भूमिका पाई गई थी।
एनआईए ने इस छापेमारी के बाद एक प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी। प्रेस नोट में कहा गया कि एनआईए ने दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में 12 स्थानों पर तलाशी ली। यह कार्रवाई अरनपुर IED ब्लास्ट केस के तहत की गई।
एजेंसी ने कहा कि तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण साक्ष्य और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई हैं। इनमें नकदी, हस्तलिखित पत्र और सीपीआई माओवादी द्वारा लेवी कलेक्शन से जुड़ी प्रिंटेड रसीद बुक और मोबाइल, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड जैसे डिजिटल उपकरण शामिल हैं।
NIA के अनुसार, ये सभी साक्ष्य माओवादी कैडरों के नेटवर्क और फंडिंग सिस्टम से जुड़े हैं, जो 2023 के हमले की योजना और उसे अंजाम देने में शामिल थे।
इस छापेमारी के बाद माओवादी नेटवर्क का लॉजिस्टिक सपोर्ट, हमले की योजना-प्रणाली और नक्सल लेवी की गतिविधि का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रेस नोट में बताया गया है कि इस केस में अब तक दो चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं और 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
एजेंसी का कहना है कि जांच जारी है और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
यह छापेमारी माओवादियों की आर्थिक रीढ़ तोड़ने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
31 मार्च 2026 तक तय किए नक्सल मुक्त भारत अभियान लक्ष्य के तहत यह छापेमारी की गई है। इस तरह की छापेमारी के जरिए यह संकेत दी गई है कि सुरक्षा एजेंसियां माओवादी नेटवर्क के आर्थिक तंत्र यानी कि लेवी, लॉजिस्टिक सपोर्ट को कमजोर करने की दिशा में काम कर रही हैं।
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