MP NEWS: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बिरसा ब्लॉक के जट्टा गांव से एक सनसनीखेज घटना सामने आई है जहां 20 वर्षीय अनुसूचित जनजाति वर्ग की मलेरिया मरीज गायत्री उइके की मौत एम्बुलेंस की देरी से हो गई। सोमवार रात को बिरसा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से गंभीर हालत में रेफर की गई गायत्री को बालाघाट जिला अस्पताल ले जाते समय चालक ने जंगल में ‘तेंदुआ दिखने’ का बहाना बनाकर गाड़ी रोक दी।
परिवार के आरोपों के मुताबिक ड्राइवर और मेडिकल अटेंडेंट ने अतिरिक्त 700 रुपये मांग लिए जिसके बाद काफी बहस के बाद 600 रुपये देकर गाड़ी आगे बढ़ाई गई। इससे पहले एक घंटे की दूरी तय करने वाली एम्बुलेंस को ढाई घंटे लग गए और अस्पताल पहुंचते ही गायत्री की मौत हो गई।
परिजनों की शिकायत पर बिरसा थाना प्रभारी रेवाल सिंह वाड़े ने जांच कर आरोपों को सही पाया। उन्होंने बताया कि मुफ्त एम्बुलेंस सेवा में जबरन पैसे वसूलना और रास्ता रोकना गैर-जिम्मेदाराना था जो सीधे मरीज की मौत का कारण बना। पुलिस ने ड्राइवर और अटेंडेंट को गिरफ्तार कर बीएनएस की धाराओं के साथ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और दोनों को रिमांड पर भेजा। फिलहाल इस मामले पर जिला प्रशासन ने विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।

