रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने आज उनकी जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।
कोर्ट के इस फैसले के बाद चैतन्य बघेल को जुडिशल रिमांड पर रायपुर केंद्रीय जेल में ही रहना होगा।
चैतन्य बघेल की तरफ से ईडी कोर्ट में पहली बार जमानत याचिका दायर की गई थी। इससे पहले हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चैतन्य की गिरफ्तारी को ही चैलेंज करने वाली याचिका लगाई गई थी।
17 अक्टूबर को जब हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को वैध बता दिया है, तो यह जमानत याचिका स्पेशल कोर्ट में लगाई गई थी।
24 अक्टूबर को ED विशेष कोर्ट में सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुनवाई पूरी होने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया।
ED ने कोर्ट को बताया कि चैतन्य घोटाले के मुख्य सिंडिकेट के केंद्र में हैं और जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी की रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है।
चैतन्य के वकीलों ने राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
ईडी ने 18 जुलाई को भिलाई स्थित निवास से उनके जन्मदिन के दिन उन्हें गिरफ्तार किया था। ED का दावा है कि चैतन्य ने शराब व्यापार में लगभग 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश किया, जिसमें ठेकेदारों को नकद भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीदी के बहाने पैसे को सफेद किया गया।
कुल घोटाले में 1,000 करोड़ रुपये को चैनलाइज करने का आरोप है।
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