रायपुर। संचालक स्वास्थ्य सेवाओं ने गुरुवार को 8 विशेषज्ञ चिकित्सकों का प्रोबेशन (परिवीक्षा) (Probation of doctors)समाप्त होने की एक लिस्ट जारी की लेकिन इस लिस्ट के जारी होते ही सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह लिस्ट किसी डॉक्टर के प्रभावशाली परिवार के दबाव में निकली है ?
दरअसल मामला यह बताया जा रहा है कि गुरुवार को जारी लिस्ट उन डॉक्टर्स में से सिर्फ 8 की ही है जिन्होंने 2022 में कार्यभार ग्रहण किया था।इनका प्रोबेशन इसी वर्ष जून , जुलाई में पूरा हुआ और आज लिस्ट जारी हुई।
चिकित्सा विभाग के सूत्र बताते हैं कि संचालनालय ने 2022 के सिर्फ 8 डॉक्टर्स की लिस्ट जारी कर दी जबकि इसी बैच के कम से कम 70 या 80 डॉक्टर्स (अधिकृत आंकड़े विभाग से नहीं मिल सके हैं) की प्रोबेशन अवधि पूरी हो जाने के बावजूद उनके नाम की लिस्ट जारी नहीं की गई।


विभाग के अफसर और निचले स्तर पर कर्मचारी ऐसे डॉक्टर्स को जवाब देते हैं कि उनके कागजात पूरे नहीं हैं इसलिए उनके नाम लिस्ट में शामिल नहीं हैं।
कुछ डॉक्टर्स ने तो नाम ना देने के आग्रह के साथ यह भी बताया कि विभाग में कागजात पूरे करवाने की प्रक्रिया भी आसान नहीं है।सवाल यही किया जा रहा है कि ऐसा कैसे होता है कि केवल सीमित लोगों के काग़ज़ पूरे होते हैं ?
यह तो हुई बात 2022 के डॉक्टर्स के प्रोबेशन की।गंभीर बात तो यह है कि 2022 की लिस्ट तो जारी कर दी गई लेकिन अभी भी 2019,2020 और 2021 के डॉक्टर्स का प्रोबेशन पूरा होने की लिस्ट रुकी हुई है और इन बैचेस के इंतजार कर रहे डॉक्टर्स की संख्या भी सौ से ज्यादा बताई जा रही है।
वेटिंग लिस्ट में ही शामिल एक डॉक्टर ने नाम ना देने के आग्रह के साथ कहा कि गुरुवार को जारी लिस्ट सिर्फ एक डॉक्टर के लिए थी लेकिन साथ में 5 नाम और जोड़ दिए गए।इस डॉक्टर का आरोप है कि ऐसा एक प्रभावशाली परिवार को उपकृत करने के लिए ही किया गया।
इस मामले पर हमने छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रियंका शुक्ला से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया, जबकि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के पीए ने कहा मंत्री अभी व्यस्त हैं बाद में बात करियेगा, हम उनसे पुनः संपर्क कर इस खबर में अपडेट करेंगे।