रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रपति वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाने की जानकारी दी। इस दौरान सीएम ने राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया।
मुख्यमंत्री ने रजत जयंती वर्ष के विशेष अवसर पर राज्य सरकार के विकास कार्यों, जनकल्याण और सांस्कृतिक गौरव से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी दी।
राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राज्य के सर्वांगीण विकास और जनकल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा प्रदेश की निरंतर प्रगति और समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री खन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी मौजूद थे।
उप राष्ट्रपति को 5 नवंबर को राज्योत्सव का न्यौता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली में भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात की। इस दौरान उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के रजत जयंती वर्ष के ऐतिहासिक अवसर पर 5 नवम्बर को नया रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के समापन समारोह में शामिल होने का न्यौता दिया। इस पर उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ आने पर सहमति जताई।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव, सम्मान और अपार हर्ष का विषय है कि देश के उपराष्ट्रपति अपनी गरिमामयी उपस्थिति से राज्योत्सव के समापन समारोह को अविस्मरणीय बनाएंगे।
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री साय ने नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके निवास पर मुलाकात की। बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार, रक्षा क्षेत्र के विकास, पूरे प्रदेश में सेना भर्ती रैलियों के आयोजन और नौसैनिक पोतों के नामकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।
नेवी शिप का नामकरण होगा छत्तीसगढ़ की नदियों के नाम पर
सीएम साय ने बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि बिलासपुर में रक्षा मंत्रालय की भूमि है। इस भूमि को उन्होंने बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यहां रक्षा क्षेत्र से संबंधित विकासात्मक कार्य भी आरंभ करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ में सेना में भर्ती होने के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं में अनुशासन, शारीरिक क्षमता और देशभक्ति की भावना है। इस आधार पर उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि पूरे प्रदेश में विशेष “सेना भर्ती रैलियों” का आयोजन किया जाए, जिससे युवाओं को अपने ही प्रदेश में देश सेवा का अवसर मिल सके।
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की सांस्कृतिक पहचान और गौरवशाली परंपराओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की नदियां इंद्रावती, महानदी, केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि प्रदेश की आत्मा हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि रक्षा मंत्रालय जब भी नए नौसैनिक पोतों या जहाजों को लॉन्च करे, तो उनमें से कुछ का नाम छत्तीसगढ़ की नदियों और क्षेत्रों के नाम पर रखा जाए, जैसे INS इंद्रावती, INS महानदी या INS बस्तर। यह न केवल प्रतीकात्मक रूप से सुंदर होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव प्रदान करेगा।