America shutdown : अमेरिका में एक बार फिर राजनीतिक विवाद के चलते सरकारी कामकाज ठप हो गया है। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले फंडिंग विधेयक पर सहमति न बन पाने के कारण सरकार को आधिकारिक तौर पर बंद करना पड़ा है।
यह 2018 के बाद पहला मौका है जब अमेरिकी सरकार इस स्थिति में पहुंची है। उस समय भी डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे। इस शटडाउन का असर न्यूयॉर्क शहर की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पड़ रहा है। ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को 18 अरब डॉलर की राशि रोकने की घोषणा की, जो हडसन नदी के नीचे बनने वाली रेल सुरंग और सेकेंड एवेन्यू सबवे विस्तार के लिए रखी गई थी।
व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रसेल वॉट ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि यह फंडिंग “असंवैधानिक समावेशी सिद्धांतों” पर आधारित थी। एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि शटडाउन के कारण परिवहन विभाग के कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा गया है, जिससे भुगतान रुक गया है।
इस संकट के लिए सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। कोई भी पक्ष समझौते के लिए तैयार नहीं हुआ और आधी रात की समय सीमा बीत गई। नतीजतन, लाखों सरकारी कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जा रहा है या उनकी नौकरी खतरे में है।
सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर ने रिपब्लिकन्स पर “ब्लैकमेल” करने का आरोप लगाया और कहा कि वे स्वास्थ्य लाभ सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से इनकार कर रहे हैं। दूसरी ओर, रिपब्लिकन नेता जॉन थ्यून ने जवाब दिया कि उनकी पार्टी को डेमोक्रेट्स की शर्तों का बंधक नहीं बनाया जा सकता।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो उनके पास कर्मचारियों की छंटनी के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। उन्होंने डेमोक्रेट्स पर “खुली सीमा नीति” और “गैरकानूनी प्रवास को बढ़ावा देने” का इल्जाम लगाया।
सरकारी सेवाएं चरमराईं
शटडाउन का असर सरकारी सेवाओं और एजेंसियों पर साफ दिख रहा है। 2018 में ट्रंप के कार्यकाल में 34 दिन तक चला शटडाउन अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा था, जब करीब 8 लाख कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा गया था।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए सीनेट रिपब्लिकन्स ने बुधवार सुबह दोबारा मतदान कराने की घोषणा की है, ताकि डेमोक्रेट्स अपना रुख बदलें। हालांकि, डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफ्रीज और चक शूमर ने स्पष्ट किया है कि वे अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटेंगे। व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रस वॉट ने एजेंसियों को पत्र लिखकर कहा कि डेमोक्रेट्स की “अव्यवहारिक मांगों” ने इस संकट को जन्म दिया है, और यह अनुमान लगाना कठिन है कि यह स्थिति कब तक चलेगी।
अमेरिकी शेयर बाजार पर असर नहीं
इस मामले पर कुछ डेमोक्रेट्स के बीच भी मतभेद उभरे हैं। नेवादा की सीनेटर कैथरीन कॉर्टेज मास्टो ने रिपब्लिकन विधेयक के पक्ष में वोट किया और कहा कि वह महंगे शटडाउन का समर्थन नहीं कर सकतीं, क्योंकि इससे नेवादा के परिवार प्रभावित होंगे और व्हाइट हाउस को अधिक शक्ति मिलेगी।
शटडाउन के पहले दिन वॉल स्ट्रीट पर ज्यादा असर नहीं दिखा। डॉव इंडेक्स स्थिर रहा, जबकि S&P 500 और नैस्डैक में 0.1% की मामूली गिरावट आई। विश्लेषकों का मानना है कि शटडाउन का शेयर बाजार पर लंबे समय तक असर नहीं पड़ता। कोमेरीका वेल्थ मैनेजमेंट के सीआईओ एरिक टील ने कहा कि यह राजनीतिक घटना है और कॉर्पोरेट आय उम्मीद से बेहतर होने के कारण स्टॉक ऊपर रहेंगे।
हालांकि, कुछ निवेशकों ने चिंता जताई कि शटडाउन से महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े, जैसे मासिक रोजगार रिपोर्ट, देरी से आएंगे, जिससे निवेशकों और फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों पर फैसला लेने में दिक्कत होगी। ग्लोबल्ट इन्वेस्टमेंट्स के कीथ बुचानन ने कहा कि बाजार अभी इस जोखिम को पूरी तरह नहीं समझ रहा कि शटडाउन लंबा और जटिल हो सकता है।